जेल जाने से पहले राहुल ने पुलिस को बताया कि उसने अपने पिता की हत्या के आरोपी कुंदन की जब वर्ष 2014 में हत्या कर दी थी, तब पुलिस से बचने के लिए भाग गया था. घटना के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने मेरी मां को काफी प्रताड़ित किया था. मेरी मां को टॉर्चर भी किया गया था. मानस सिन्हा और उसकी पत्नी की हत्या के बाद पुलिस दोबारा हमें गिरफ्तार करने लिए मेरी मां को प्रताड़ित न करे, इसलिए हमने हत्या के बाद सरेंडर कर दिया. अगर पुलिस मेरी मां को प्रताड़ित नहीं करती, तब हम दोनों हत्या के बाद आराम से भाग जाते. दोनों ने बताया कि मानस सिन्हा के साथ उनका पुराना विवाद चल रहा था.
इसलिए दोनों ने मानस की हत्या के लिए योजना तैयार की. तैयार योजना के अनुसार मुंगेर से पिस्टल खरीद कर लाया. मानस की पत्नी किरण देवी की हत्या करने की उनकी कोई योजना नहीं थी. लेकिन वह अपने पति की हत्या का विरोध करते हुए दोनों से भिड़ गयी. इसलिए किरण देवी को दोनों भाइयों ने मिल कर गोली मार दी. घटना से पहले दोनों भाई मानस सिन्हा के घर के विपरीत अपने लॉज के बाहर एक दुकान बनवा रहे थे. मानस सिन्हा का आरोप था कि वे सड़क की जमीन का अतिक्रमण कर लॉज बनवा रहा हैं. जमीन को लेकर ही दोनों भाइयों का विवाद मानस सिन्हा के साथ हुआ था. पुलिस ने बुधवार को पोस्टमार्टम कराने के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया. पुलिस ने हत्या के अलावा दोनों भाइयों के खिलाफ अलग से आर्म्स एक्ट का केस भी दर्ज किया है.