रांची: सरकार में सभी ने हमें बीपीएल समझ लिया है. तभी तो एक तरफ हमें सबसे कमजोर विभाग दिया है, वहीं दूसरी तरफ हमारे अधिकार में कटौती की बात की जा रही है. मार्केटिंग बोर्ड के पद पर सविता महतो को बिठाने की बात हो रही है. उक्त बातें राज्य के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने विधानसभा मैदान में झारखंड वैश्य संघर्ष मोरचा की सातवीं वर्षगांठ पर आयोजित वैश्य क्रांति महारैली में कही.
उन्होंने कहा कि हमें अधिकार ऐसे ही नहीं मिल जाता है. इसके लिए संघर्ष करने की जरूरत पड़ती है. हमने भी संघर्ष किया है, तब आज इस पद पर हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव का वक्त आ गया है और हमें सजग रहने की जरूरत है. हम कहने को 40 प्रतिशत हैं, लेकिन महारैली में आधी से अधिक कुरसी खाली रह गयी है. ऐसे में अपने अधिकार को कैसे ले पायेंगे. आज लोगों को रैली में आना चाहिए था, तो लोग तराजू-बटखारा तौलने में और नोट गिनने में लगे हैं. वहीं महिलाओं को घरों में कैद कर रख रहे हैं. ऐसे में हम अपनी शक्ति का एहसास लोगों को कैसे करा पायेंगे? उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में लोकसभा चुनाव होनेवाला है. हम कांग्रेस पार्टी से मांग करते हैं कि हमें हजारीबाग व चतरा सीट से टिकट दिया जाये. हमलोग अपने समाज के लोगों को लोस में पहुंचाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि ये दो सीट हमें मिलती है, तो हम यहां काफी संख्या में है और राज्य में हमारा समाज पार्टी को और मजबूत बनाने का काम करेगा. वहीं उन्होंने गोपाल प्रसाद साहू को लोस सीट देने की वकालत की.
रैली की अध्यक्षता गोपाल प्रसाद साहू ने की. उन्होंने समाज की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि एकजुट होने के बाद ही हम अपनी शक्ति का एहसास लोगों को करा सकते हैं. पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी ने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में संगठित होकर लोगों को विधानसभा व लोकसभा में भेजने की अपील की. राष्ट्रीय महामंत्री तरसेमचंद्र मित्तल ने कहा कि पूरे वैश्य समाज को जागृत करने की जरूरत है. वहीं चालीस प्रतिशत के हिसाब से कम से कम चार सांसद इस समाज से होना चाहिए. इस पर राजनीतिक पार्टियों को विचार करने की जरूरत है. उन्होंने गोपाल साहू को लोकसभा का टिकट दिये जाने की मांग की है.
चार लोगों को पुरस्कार : महारैली के दौरान चार लोगों को झारखंड वैश्य रत्न पुरस्कार दिया गया. जिन्हें यह पुरस्कार मिला है उनके नाम हैं- रेखा मंडल धनबाद, डॉ गिरधारी राम गोंझू, डा संजय कुमार जायसवाल व नारायण साहू रांची.
खाने के लिए मारामारी : महारैली के दौरान खाना खाने के लिए मारामारी होने लगी. आयोजकों की ओर से भोजन की व्यवस्था की गयी थी. कार्यक्रम विलंब से शुरू होने के कारण जैसे ही मंत्री श्री साव का संबोधन समाप्त हुआ, लोग खाने के लिए दौड़ पड़े. जिसे जो मिल रहा था, वह वही खा रहा था. हालांकि आयोजकों की ओर से बार-बार अपील की जा रही थी कि कार्यक्रम अभी समाप्त नहीं हुआ है और भोजन की पूरी व्यवस्था है. आप लोग परेशान न हों. लेकिन किसी ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया. भीड़ में ही महिलाएं भी जैसे-तैसे भोजन ले रही थीं.