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झारखंड में जमीन का फैसला जमींदार करेगा, ठेकेदार नहीं

धनबाद : आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने कहा कि झारखंड में जमीन का फैसला जमींदार (जमीन मालिक) करेंगे, न कि ठेकेदार या नेता. आज भी शोषण मुक्त झारखंड की लड़ाई अधूरी है. बिनोद विचारधारा के जरिये ही खुशहाल झारखंड का निर्माण हो सकता है. रविवार को झारखंड आंदोलन के जनक बिनोद बिहारी महतो की […]

धनबाद : आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने कहा कि झारखंड में जमीन का फैसला जमींदार (जमीन मालिक) करेंगे, न कि ठेकेदार या नेता. आज भी शोषण मुक्त झारखंड की लड़ाई अधूरी है. बिनोद विचारधारा के जरिये ही खुशहाल झारखंड का निर्माण हो सकता है. रविवार को झारखंड आंदोलन के जनक बिनोद बिहारी महतो की 25वीं पुण्यतिथि के मौके पर बलियापुर हवाई अड्डा मैदान में आयोजित बिनोद जन पंचायत में आजसू प्रमुख ने इशारों ही इशारों में केंद्र व राज्य सरकार पर वार किया. उन्होंने कहा कि बिनोद बाबू के सपनों व आदर्शों को फिर से स्थापित करें.
उन्होंने कहा कि झारखंड के कुछ नेता जमीन की दलाली कर रहे हैं. कहते हैं कि उद्योग लगेगा, तो रोजगार मिलेगा. ऐसा कहने वाले नेता पहले यह बतायें कि कोल इंडिया, बोकारो स्टील व डीवीसी के लिए जमीन देने वाले झारखंडियों को क्या मिला. न नौकरी मिली, न क्वार्टर मिला. आज भी इन कंपनियों को जमीन देने वालों की तीसरी पीढ़ी हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है.
एक बार फिर जमीन छीनने का प्रयास हो रहा है. कुछ नेता कहते हैं कि खेती छोड़ो, व्यापारी बन जाओ. ऐसे नेताओं को मालूम होना चाहिए कि झारखंड के लोग गुजराती नहीं कि व्यापार करेंगे. हमारे खून में व्यापार नहीं है.
आजसू नेताओं का हुआ जुटान :बिनोद जन पंचायत में आजसू के विधायक रामचंद्र सहिस, विकास कुमार मुंडा, पूर्व विधायक उमाकांत रजक सहित कई नेता मौजूद थे. समारोह की अध्यक्षता टुंडी के विधायक सह बिनोद बिहारी महतो के पुत्र राज किशोर महतो ने की. आजसू के जिलाध्यक्ष मंटू महतो ने स्वागत किया.
डेढ़ हजार आंदोलनकारी के परिजन सम्मानित : कार्यक्रम में आजसू प्रमुख ने शिवाजी समाज तथा झारखंड आंदोलन के दौरान शहीद हुए क्रांतिकारियों के परिजनों को सम्मानित किया. पार्टी ने दावा किया कि लगभग डेढ़ हजार लोगों को सम्मान दिया गया.
झारखंडियों की हमेशा उपेक्षा हुई
आजसू प्रमुख ने कहा समर शेष है. शोषण मुक्त झारखंड के निर्माण के लिए यहां के युवाओं को जागना होगा. बिनोद बाबू के बताये मार्ग पर चल कर लड़ना होगा. सामाजिक आंदोलन की जरूरत है. झारखंडियों के योगदान की हमेशा उपेक्षा हुई. बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू व बिनोद बिहारी महतो अगर महाराष्ट्र में पैदा होते, तो पूरे देश के लोग इतिहास में पढ़ते. झारखंड के होने के कारण इन लोगों को इतिहास में नहीं शामिल किया गया. बिनोद बिहारी महतो के निधन के बाद उनकी विचारधारा कमजोर पड़ी.
2018 में 150 फीट ऊंची होगी बिनोद बिहारी की प्रतिमा
आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने इस दौरान बिनोदधाम में स्टैट्यू ऑफ रिवोल्यूशन (क्रांति का प्रतीक) बनाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में 150 फीट ऊंची होगी बिनोद बिहारीमहतो की प्रतिमा. इसके लिए घर-घर जाकर झारखंड के लोगों से सहयोग लेंगे. इससे पूरे देश में नया संदेश जायेगा.
जागरूकता अभियान चलेगा : चंद्रप्रकाश
पेयजल एवं स्वच्छता तथा जल संसाधन मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि पूरे राज्य में इसी तरह जन पंचायत लगा कर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. बिनोद बिहारी महतो के नाम पर अगले वित्तीय वर्ष से धनबाद में यूनिवर्सिटी काम करने लगेगी. आज यहां डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से खुदिया एवं गोवई जलाशय योजना का शिलान्यास किया गया है. बिनोद बाबू के सपनों का झारखंड बनाया जा रहा है.
सुदेश महतो ने कहा है कि सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन के मुद्दे पर पार्टी राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ है. पार्टी ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है. इस मुद्दे को लेकर पार्टी जनता की अदालत में जा रही है. लोगों को आजसू के स्टैंड से अवगत कराया जा रहा है. आजसू इस मुद्दे पर सरकार से क्यों नहीं अलग हो रही है के जवाब में उन्होंने कहा : यह अलग विषय है.
एक राय से की मुलाकात : आजसू प्रमुख पूर्व सांसद एके राय से मिलने पाथरडीह पहुंचे. उन्होंने श्री राय का हालचाल पूछा तथा आशीर्वाद लिया. उनके साथ पार्टी के जिलाध्यक्ष मंटू महतो भी थे. माधवी सिंह से भी मिलने उनके घर गये. सनद हो कि माधवी सिंह के पति का पिछले दिनों निधन हो गया था.कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए शशिकांत पांडेय के परिजनों से भी वह मिले़

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