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झारखंड को सालाना मिलेंगे 3300 करोड़
झारखंड के सभी जिलों में डीएमएफ का कर दिया गया है गठन दीपक रांची : भारतीय खनन ब्यूरो के खान नियंत्रक एबीपी पाणिग्रही ने कहा है कि खनन क्षेत्रों के समेकित विकास फ्रेमवर्क के लागू होने से अब झारखंड समेत अन्य माइनिंग राज्यों को डीएमएफ के तहत हिस्सेदारी मिलेगी. 2008 में वोरा कमेटी की अनुशंसा […]
झारखंड के सभी जिलों में डीएमएफ का कर दिया गया है गठन
दीपक
रांची : भारतीय खनन ब्यूरो के खान नियंत्रक एबीपी पाणिग्रही ने कहा है कि खनन क्षेत्रों के समेकित विकास फ्रेमवर्क के लागू होने से अब झारखंड समेत अन्य माइनिंग राज्यों को डीएमएफ के तहत हिस्सेदारी मिलेगी. 2008 में वोरा कमेटी की अनुशंसा के बाद सभी खनन राज्यों में खनन प्रभावित लोगों के विकास को लेकर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) के तहत हिस्सेदारी मिलेगी.
झारखंड के सभी जिलों में डीएमएफ का गठन कर दिया गया है. इसमें सिर्फ कोयले से ही झारखंड को 2718 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी मिलेगी़ इसके अलावा अन्य लघु खनिज से भी झारखंड 600 करोड़ रुपये मिलेंगे. यानी प्रत्येक वर्ष राज्य को 33 सौ करोड़ रुपये खनन क्षेत्र और आसपास के इलाकों के विकास के लिए मिलेंगे. देश भर में कोयला कंपनियों से केंद्र सरकार को 4770 करोड़ रुपये मिलते हैं. इसमें से 100 प्रतिशत डीएमएफ की राशि संबंधित राज्यों को मिलेगी़ प्रभात खबर से बातचीत में श्री पाणिग्रही ने कहा कि झारखंड के मुख्य सचिव ने सभी खनन प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का भी गठन कर दिया गया है.
अब राज्यों को मिलने वाली कुल राशि में दो प्रतिशत राशि खनिजों के एक्सप्लोरेशन (अन्वेषण) में खर्च करनी होगी. सालाना झारखंड को 400 से छह सौ करोड़ रुपये इसके लिए मिलेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से देश भर की 40 खदानों की पहली बार रेटिंग करायी गयी है. इसमें से 19 खदानों को फाइव स्टार रेटिंग दी गयी है. इसमें झारखंड के तीन खदान शामिल हैं. अब जो खदान स्टार रेटेड नहीं रहेंगे, उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिल पायेगी.
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