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जीएसटी के निबंधन में व्यवसायी हो रहे परेशान

रांची : वैट व अन्य प्रत्यक्ष करों से जीएसटी में माइग्रेट होने की प्रक्रिया धीमी हो गयी है. व्यवसायी चाह कर भी निबंधन प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी के पहले पॉप अप मिलता है. पॉप अप में व्यापारियों को एक अस्थायी पासवर्ड और एक प्रोविजनल आइडी मिलता […]

रांची : वैट व अन्य प्रत्यक्ष करों से जीएसटी में माइग्रेट होने की प्रक्रिया धीमी हो गयी है. व्यवसायी चाह कर भी निबंधन प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी के पहले पॉप अप मिलता है. पॉप अप में व्यापारियों को एक अस्थायी पासवर्ड और एक प्रोविजनल आइडी मिलता है. कई व्यापारियों काे यह पासवर्ड और आइडी नहीं मिल पा रहा है. इस कारण जीएसटी निबंधन की आगे की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.

व्यापारियों का कहना है कि पासवर्ड व आइडी के लिए विभाग को इ-मेल और फोन से संपर्क करने पर कहा जा रहा है कि आइडी और पासवर्ड भेज रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं मिल रहा है. राज्य में वैट से जुड़े व्यवसायियों की संख्या 84,000 से अधिक है. बुधवार तक लगभग 10,000 व्यापारियों का निबंधन हो सका है. चेंबर वाणिज्यकर उप समिति के चेयरमैन दीनदयाल वर्णवाल का कहना है कि पुराने डीलरों को तत्काल एक प्रोविजनल जीएसटीएन नंबर दिया जाये और उन्हें छह माह का अतिरिक्त समय देकर अन्य प्रक्रियाओं को पूरा किया जाये.

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