लेकिन झारखंड में पॉश मशीन की इतनी डिमांड बढ़ गयी है कि बैंक समय पर पॉश मशीन उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. नोटबंदी के बाद विभिन्न बैंकों में पॉश मशीन के लिए 5600 से अधिक आवेदन आ चुके हैं, लेकिन अब तक लगभग 2060 पॉश मशीन ही लग पाये हैं. बैंकों का कहना है कि जितनी पॉश मशीन की डिमांड है, उसे वेंडर नहीं लगा रहे हैं. एसबीआइ के पास अकेले झारखंड में कुल 3,200 पॉश मशीन के आवेदन आ चुके हैं. इसमें लगभग 1,200 पॉश मशीन ही लग पाये हैं. वहीं, पीएनबी के पास लगभग 300 आवेदन आये हैं. अब तक एक भी मशीन नहीं लग पायी है. जबकि एचडीएफसी ने 700 आवेदन मिलने पर लगभग 490 पॉश मशीन इंस्टॉल कर दिये हैं.
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कैसे होगा कैशलेस ट्रांजेक्शन: 5600 आवेदन आये, मिली सिर्फ 2030
रांची: नोटबंदी के बाद हर तरफ कैशलेस पेमेंट की बात हो रही है. इसके लिए दुकानों में पॉश मशीन (प्वाइंट ऑफ सेल/स्वाइप मशीन), पेटीएम, एयरटेल, फ्रीचार्ज सहित अन्य ई-वॉलेट का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन झारखंड में पॉश मशीन की इतनी डिमांड बढ़ गयी है कि बैंक समय पर पॉश मशीन उपलब्ध नहीं करा […]
रांची: नोटबंदी के बाद हर तरफ कैशलेस पेमेंट की बात हो रही है. इसके लिए दुकानों में पॉश मशीन (प्वाइंट ऑफ सेल/स्वाइप मशीन), पेटीएम, एयरटेल, फ्रीचार्ज सहित अन्य ई-वॉलेट का सहारा लिया जा रहा है.
दिसंबर के अंत तक सामान्य होगी स्थिति
बैंक के वरीय अधिकारियों के अनुसार पॉश मशीन दूसरे देशों से मंगाया जाता है. इतनी डिमांड बढ़ जायेगी, अंदाजा नहीं था. बाहर से मशीन आने में समय लगेगा. इसके बाद ही स्थिति सामान्य होगी.
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