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लगन पर टिका रहा पार्लरों का व्यवसाय
रांची : नोटबंदी के 36 दिन बीतने के बाद भी बाजार पूरी तरह से नहीं संभला है. अब भी लोग परेशान हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छोटे दुकानदारों को हो रही है, जिनमें लेडीज एवं मेंस पार्लर भी शामिल हैं. नोटबंदी के बाद से पार्लरों में ग्राहकों की संख्या कम हो गयी है. रांची में मेंस […]
रांची : नोटबंदी के 36 दिन बीतने के बाद भी बाजार पूरी तरह से नहीं संभला है. अब भी लोग परेशान हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छोटे दुकानदारों को हो रही है, जिनमें लेडीज एवं मेंस पार्लर भी शामिल हैं. नोटबंदी के बाद से पार्लरों में ग्राहकों की संख्या कम हो गयी है.
रांची में मेंस और लेडीज के 50 से अधिक छोटे-बड़े पार्लर हैं. नोटबंदी के लगभग एक माह गुजर जाने के बाद अब बाजार में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन पहले की तुलना में नाकाफी है. नोटबंदी के पहले इन पार्लरों में हर दिन लगभग 100 ग्राहक आते थे. वहीं अब यह संख्या 70 पर सिमट गयी है.
लगन के बाद और घटेगा
फिलहाल पार्लर वालों का व्यवसाय लगन पर ही टिका हुआ है. सर्कुलर रोड स्थित कैलविन एंड हॉब्स के प्रोपराइटर उदित नारायण ने बताया कि नोटबंदी के बाद 25-30 प्रतिशत व्यवसाय प्रभावित हो गया है. अभी लगन होने के कारण लोग पार्लरों में आ रहे हैं. लगन खत्म होने के बाद 50 प्रतिशत व्यवसाय नीचे जाने की आशंका है. बरियातू रोड स्थित गोल्ड हैवेन पार्लर की प्रोपराइटर प्रीति सिंह कहती हैं कि नियमित ग्राहकों ने भी पार्लरों का बजट घटा दिया है. पहले 1,500-2,000 रुपये का काम कराते थे. अब यह घट कर 1,000 रुपये पर आ गया है. कई पार्लर संचालक इस परेशानी से निकलने के लिए कार्ड पेमेंट व ई-वॉलेट का सहारा ले रहे हैं. पार्लर संचालक कहते हैं कि वर्तमान में 70 प्रतिशत कार्ड और 30 प्रतिशत कैश से काम हो रहा है.
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