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एसपीटी एक्ट के पेंच में 150 स्कूल-कॉलेज की मान्यता

रांची: संताल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) के कारण प्रमंडल के 150 से अधिक स्कूल-कॉलेजों की स्थायी मान्यता का मामला वर्षों से लंबित है. शिक्षक संस्थान भूमि के अलावा स्थायी मान्यता की सभी शर्त को पूरा करता है. राज्य में स्कूल-कॉलेजों की मान्यता के लिए बनायी गयी नियमावली के अनुरूप स्थायी प्रस्वीकृति (मान्यता) के लिए जमीन […]

रांची: संताल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) के कारण प्रमंडल के 150 से अधिक स्कूल-कॉलेजों की स्थायी मान्यता का मामला वर्षों से लंबित है. शिक्षक संस्थान भूमि के अलावा स्थायी मान्यता की सभी शर्त को पूरा करता है. राज्य में स्कूल-कॉलेजों की मान्यता के लिए बनायी गयी नियमावली के अनुरूप स्थायी प्रस्वीकृति (मान्यता) के लिए जमीन संस्थान के नाम से निबंधित होना अनिवार्य है.
एसपीटी एक्ट के कारण संताल परगना प्रमंडल में जमीन का निबंधन संस्थान के नाम से नहीं होता है, इस कारण स्कूल-कॉलेजों को स्थायी मान्यता नहीं मिल रही है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से मार्गदर्शन मांगा है. जैक की मान्यता समिति की बैठक इन सभी मामलों पर विचार किया. बैठक में सर्वसम्मति से इस मामले में विभाग से मार्गदर्शन लेने का निर्णय लिया गया. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने विभाग से पूछा है कि वैसे स्कूल-कॉलेज जो भूमि निबंधन की अर्हता के अतिरिक्त अन्य सभी शर्तों को पूरा कर रहा है, उसकी स्थापना अनुमति / प्रस्वीकृति को रद्द किया जाये की नहीं . स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से निर्देश प्राप्त होने के बाद ऐसे स्कूल-कॉलेजों के मान्यता के मामले में अंतिम निर्णय लिया जायेगा. उल्लेखनीय है कुछ स्कूल-कॉलेजों को स्थापना अनुमति (अस्थायी मान्यता) मिला हुआ है, पर भूमि नहीं होने के कारण स्थायी मान्यता नहीं मिल रही है. एसपीटी के अलावा सीएनटी के कारण भी स्कूल-कॉलेजों के मान्यता का मामला लटका हुआ है.
बंद हो रहे शिक्षण संस्थान
अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेज स्थायी मान्यता नहीं मिलने के कारण बंद हो रहे हैं. संताल परगना प्रमंडल में आधा दर्जन स्कूल-कॉलेज बंद हो गया है. इन स्कूल-कॉलेजों को स्थापना अनुमति (अस्थायी मान्यता) मिली हुई थी. स्थापना अनुमति सत्र विशेष के लिए दिया जाता है. जिसके बाद स्कूल-कॉलेज को स्थायी मान्यता लेना होता है. स्थायी मान्यता नहीं मिलने पर तय समय अवधि के बाद शिक्षण संस्थान की अस्थायी मान्यता समाप्त हो जाती है.
स्थायी मान्यता होने से मिलता अनुदान
स्कूल-कॉलेजों को स्थायी मान्यता मिलने से सरकार की ओर से अनुदान मिलता. इससे शिक्षक व कर्मचारी को सरकार की ओर से राशि दी जाती है. इसके अलावा कॉलेज के विकास के लिए भी सरकार की ओर से राशि मिलती. कॉलेज के पास सभी संसाधन होने के बाद भी केवल जमीन का निबंधन नहीं होने कारण स्थायी मान्यता नहीं मिल रही है. शिक्षक संघ काफी दिनों से संताल परगना प्रमंडल के स्कूल-कॉलेजों को स्थायी मान्यता के लिए जमीन की शर्त में छूट देने की मांग कर रहे हैं.

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