इस विद्यालय में करीब 400 छात्र-छात्राएं हैं. पहले यहां नौ शिक्षक थे, लेकिन समय के साथ-साथ सेवानिवृत्त होते गये व अब सिर्फ एक शिक्षक बचे हैं. छह माह पूर्व सरकार ने रांची शहर के विभिन्न विद्यालयों में वर्षों से जमी चार शिक्षिकाओं को यहां प्रतिनियुक्ति पर भेजा था, लेकिन दो माह के अंदर ही उनलोगों ने अपनी प्रतिनियुक्ति खत्म करा कर मूल विद्यालयों में योगदान कर लिया. फिलहाल स्थिति यह है कि शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.
विद्यालय में प्रखंड स्तर से एक दूसरे मध्य विद्यालय के पारा शिक्षक को सहयोगी शिक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है. जिप सदस्य सरिता देवी ने उपायुक्त को पत्र लिख कर विद्यालय में शिक्षक की प्रतिनियुक्ति करने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि इस विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित है. विद्यार्थी निजी ट्यूशन लेकर मैट्रिक की परीक्षा लिखते हैं.