उन्होंने स्पष्ट किया है कि बछिया रैबीज के अंतिम स्टेज में है. उसकी मौत कभी भी हो सकती है. ऐसे में राजधानी को रैबीज मुक्त करने के अभियान पर असर पड़ सकता है. रैबीज का एक केस भी आने पर रैबीज मुक्त करने की घोषणा नहीं की जा सकती है.
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चार महीने की बछिया को रैबीज, ले रही अंतिम सांस
रांची. पंडरा गांव में एक चार माह की बछिया रैबीज से पीड़ित है. रैबीज के अंतिम स्टेज में आ जाने पर वह अंतिम सांस ले रही है. पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान (एलआरएस) कांके के कनीय शोध पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार सिंह ने बछिया को रैबीज होने की पुष्टि की है. उन्होंने स्पष्ट किया है […]
रांची. पंडरा गांव में एक चार माह की बछिया रैबीज से पीड़ित है. रैबीज के अंतिम स्टेज में आ जाने पर वह अंतिम सांस ले रही है. पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान (एलआरएस) कांके के कनीय शोध पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार सिंह ने बछिया को रैबीज होने की पुष्टि की है.
पागल कुत्ता के काटने से रैबीज की शिकार हुई बछिया : जानकारी के अनुसार बछिया को किसी पागल कुत्ता ने काट लिया था. इसके बाद बछिया को इलाज के लिए पिस्का मोड़ पशु चिकित्सालय में लाया गया. कंपाउंडर ने जांच के लिए जब बछिया का सैंपल लिया, तो उसमें रैबीज के लक्षण पाये गये. इसके बाद पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, कांके में बछिया की जांच करायी गयी. जांच के बाद रैबीज की पुष्टि की गयी.
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