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खाद्यान्न के सैंपल सड़ रहे हैं, नहीं हो रही जांच
रांची: राज्य में पिछले पांच महीने से खाद्य निदेशालय में खाद्य विश्लेषक का पद खाली है. जिसके चलते खाद्यान्नों के नमूनों की जांच नहीं हो पा रही है. स्थिति यह है कि इस समय स्टेट फूड लेब्रोटरी में सौ से अधिक खाद्यान्नों के नमूने जांच के लिए आये हुए हैं, पर लैब में जांच नहीं […]
रांची: राज्य में पिछले पांच महीने से खाद्य निदेशालय में खाद्य विश्लेषक का पद खाली है. जिसके चलते खाद्यान्नों के नमूनों की जांच नहीं हो पा रही है. स्थिति यह है कि इस समय स्टेट फूड लेब्रोटरी में सौ से अधिक खाद्यान्नों के नमूने जांच के लिए आये हुए हैं, पर लैब में जांच नहीं हो रही है. कारण है कि जांच रिपोर्ट बिना खाद्य विश्लेषक के तैयार नहीं हो सकता. दूसरी ओर विभाग में किसी को भी खाद्य संरक्षा आयुक्त का प्रभार नहीं दिया गया है, जिसकी वजह से लाइसेंस निर्गत करने व निबंधन का काम भी प्रभावित हो रहा है.
अनिवार्य है खाद्य पदार्थों का लाइसेंस लेना : केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अब किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थों का व्यवसाय करनेवालों को लाइसेंस लेना अनिवार्य है. वहीं इसकी शुद्धता जांच भी खाद्य सुरक्षा पदाधिकारियों द्वारा की जानी है. पूर्व में ही विभाग द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान तेज करने और सैंपल जब्त करने का निर्देश दिया गया था. इसी कड़ी में समय-समय पर सैंपल जब्त किये जाते हैं. जिलों से आये सैंपल की जांच नामकुम स्थित स्टेट फूड लैब में होती है. पर यह जांच कार्य भी जुलाई माह से बंद है. वहीं राज्य स्तर बने स्टेट स्टेयरिंग कमेटी की बैठक भी नहीं हो सकी है, जबकि साल में कम-से-कम दो बार इसकी बैठक होनी है. जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में स्टेयरिंग कमेटी गठित है. इनकी बैठक में साल में तीन बार होनी है. कुछ जिलों में बैठक हुई है, पर रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है.
रांची के खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी नहीं जब्त कर रहे सैंपल : सूचना अधिकार से रांची में पदस्थापित पांच खाद्य सुरक्षा पदाधिकारियों के बाबत रिपोर्ट मांगी गयी थी. विभाग द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार 23.11.2015 से लेकर अबतक इन पदाधिकारियों ने एक भी सैंपल जब्त नहीं किया है. रांची में डॉ एनके भगत, डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ शिव कुमार, डॉ आलोक कुमार व डॉ अशोक कुमार को खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. रांची के जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी केपी सिंह 31 अक्तूबर को सेवानिवृत्त हो गये हैं. यह पद भी खाली है. सूत्रों ने बताया कि अब उन्हें अनुबंध पर रखने की तैयारी चल रही है.
साक्षात्कार के बाद भी नहीं हो सकी नियुक्ति : विभाग द्वारा खाद्य विश्लेषक के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाया गया था. इसके लिए साक्षात्कार कर चयन कर अनुशंसा विभागीय सचिव को अक्तूबर माह में ही भेज दी गयी. पर अबतक नियुक्ति नहीं हो सकी है.
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