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झारखंड बंद : लातेहार, लोहरदगा में ट्रेनें रोकी खूंटी व साहेबगंज में रोड जाम

रांची: सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ झारखंड आदिवासी संघर्ष मोर्चा का शुक्रवार को झारखंड बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा. कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. हालांकि बंद के दौरान राज्य की प्रमुख सड़कों पर आम दिनों की तुलना में बसों और ट्रकों का परिचालन काफी कम हुआ. शहरों में […]

रांची: सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ झारखंड आदिवासी संघर्ष मोर्चा का शुक्रवार को झारखंड बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा. कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. हालांकि बंद के दौरान राज्य की प्रमुख सड़कों पर आम दिनों की तुलना में बसों और ट्रकों का परिचालन काफी कम हुआ. शहरों में भी ऑटो, रिक्शा कम चले.

रांची समेत अन्य शहरों में कुछ दुकानें खुली रही. निजी वाहनों से निकले लोगों को कोई दिक्कत नहीं हुई. हालांकि बंद समर्थकों ने सुबह में लोहरदगा के टांगरबसली स्टेशन पर रांची-लोहरदगा ट्रेन को करीब 30 मिनट तक रोक दिया. लातेहार स्टेशन और डेमू स्टेशन पर बंद समर्थकों ने 45-45 मिनट तक मालगाड़ी को रोक कर प्रदर्शन किया. बंद समर्थक पारंपरिक हथियारों से लैस थे.

कुल 3536 लोग गिरफ्तार : बंद के दौरान राज्य भर में पुलिस ने 3536 लोगों को गिरफ्तार किया. सभी को शाम में छोड़ दिया गया. दुमका के रामगढ़ थाना क्षेत्र में बंद समर्थकों ने सड़क जाम कर दी. यहां 25 नवंबर के बंद के दौरान हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. खूंटी के हुटार में बंद समर्थकों ने रोड पर पत्थर रख कर जाम किया. लोहरदगा शहर में सैंकड़ों महिलाएं बंद के समर्थन में सड़क पर उतरी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. जमशेदपुर में भी बंद समर्थकों ने मानगो-कदमा मरीन ड्राइव को करीब पांच घंटे तक जाम रखा. साहेबगंज में बोरियो-साहेबगंज मुख्य सड़क को छह घंटे और पाकुड़ में महेशपुर व पाकुड़िया में सड़क जाम की गयी.
रांची में चप्पे-चप्पे पर थी पुलिस : बंद को लेकर राज्य भर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे. रांची शहर में पुलिस के जवानों ने बंद समर्थकों को सड़क पर आने ही नहीं दिया. बंद समर्थकों को देखते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पुरुलिया रोड में स्कूली छात्रों का बैग और महिलाओं का पर्स तक को पुलिसकर्मियों ने चेक किया.

सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में कई संगठनों ने किया था आह्वान सक्रिय रही पुलिस, शांतिपूर्ण रहा बंद
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आदिवासी संगठनों द्वारा आहूत झारखंड बंद का रांची में मिलाजुला असर रहा. कुछ इलाकों में दोपहर तक दुकानें बंद थीं, जबिक कुछ इलाकों में सुबह से ही जनजीवन सामान्य दिख रहा था. हालांिक, बंद के दौरान सामान्य दिनों की अपेक्षा कम ऑटो चले. मुख्य सड़कों पर भी वाहन कम नजर आये. इससे राहगीरों को परेशानी हुई. बंद से निबटने के लिए हर चौक-चौराहे पर पुलिस की तैनाती की गयी थी. मेन रोड, पुरुलिया रोड, सर्कुलर रोड, रातू रोड, हीनू समेत अन्य इलाकों में अलसुबह ही पुलिस की तैनाती कर दी गयी थी. इस कारण बंद समर्थक सड़क पर नहीं उतर सके. दोपहर बाद शहर की दुकानें खुलने लगीं और शाम होते-होते पूरे शहर में जनजीवन पटरी पर आ गयी.

आदिवासी संगठनों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में शुक्रवार को झारखंड बंद का आह्वान किया था. इस दौरान बंद समर्थक राजधानी के विभिन्न इलाकों में बंद कराने निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें देखते ही गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद सभी को मोरहाबादी स्थित फुटबॉल स्टेडियम कैंप जेल ले जाया गया.
शुरुआती दौर में गिरफ्तार होनेवालों में विभिन्न अादिवासी संगठनाें से जुड़े छोटे कार्यकर्ता थे. वे कैंप जेल पहुंच कर बैठ गये और बड़े नेताओं के आने का इंतजार करने लगे. पहले लोग स्टेडियम में चेयर पर बैठे रहे. जैसे-जैसे गिरफ्तारी होकर कैंप जेल पहुंचने वाले समर्थकों की संख्या बढ़ती गयी, कैंप जेल में पहले से बैठे समर्थकों का उत्साह बढ़ता गया. कैंप जेल में पूर्व की बंदी की अपेक्षा सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था थी. इस वजह से बंदी समर्थक कैंप जेल में हंगामा नहीं कर सके. थोड़ी देर के लिए कुछ बंदी समर्थकों ने पानी और खाने की मांग को लेकर कैंप जेल में प्रदर्शन किया. तब उनके लिए चूड़ा, गुड़ और पानी मंगवाया गया. समय-समय पर पुलिस अधिकारी भी कैंप जेल पहुंच कर स्थिति का जायजा लेते रहे. बाद में सभी को शाम में छोड़ दिया गया.
गिरफ्तार हुए आदवासी जन परिषद के कार्यकर्ता : आदिवसी जन परषिद के कार्यकरता झारखंड बंद कराने के लिए सड़क पर उतरे. जब वे करमटोली चौक से आदिवासी हॉस्टल के सामने पहुंचे तब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. प्रदर्शन का नेतृत्व झारखंड आदिवासी संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता सह आदिवासी जन परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा कर रहे थे. उनके साथ महानगर अध्यक्ष कृष्णा मुंडा, श्रवण लोहरा, चंद्रशेखर मुंडा, दीपक लिंडा, विकास टोप्पो, प्रकाश बांडो, आकाश खलखो, श्रीनाथ मुंडा, करमा तिर्की, निखिल सिन्हा, विक्की वर्मा, संदीप मुंडा व अन्य मौजूद थे.
सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति रही सामान्य : रांची के प्रोजेक्ट भवन और नेपाल हाउस सचिवालय में बंदी का कोई असर नहीं दिखा. यह सामान्य दिनों की तरह कामकाज होता रहा. प्रोजेक्ट भवन में शुक्रवार को सरकार द्वारा सचिवालयकर्मियों के लिए कैशलेस झारखंड अभियान की शुरुआत की गयी. जिसमें डोरंडा के नेपाल हाउस स्थित सचिवालय के सभी पदाधिकारी व कर्मचारी बंदी के बावजूद वहां से आठ किमी दूर प्रोजेक्ट भवन स्थित सचिवालय में जाकर हिस्सा लिया. एफएपपी भवन, इंजीनियर्स हॉस्टल स्थित सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थित सामान्य थी. रांची समाहरणालय में भी उपस्थिति सामान्य रही. आम दिनों की तरह ही यहां कामकाज होता रहा. हालांकि, गांव-देहात से आनेवाले लोगों की संख्या कम देखी गयी.
पूर्व में दे दी थी सूचना स्कूल-कॉलेज रहे बंद : बंद का असर राजधानी के स्कूल-कॉलेजों पर भी दिखा. हालांकि, निजी स्कूलों में पूर्व में ही बंद की सूचना विद्यार्थियों व अभिभावकों के दे दी थी. वहीं, कॉलेजों में शिक्षकों की उपस्थिति रही. रांची यूनिवर्सिटी अंतर्गत आनेवाले कॉलेज में छात्र संघ चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया हुई. कॉलेज में कक्षाएं नहीं हुईं.

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