आयकर विभाग को 500 व 1000 के नोटों का प्रचलन बंद होने के बाद इस ग्रुप द्वारा चार करोड़ रुपये बैंक में जमा कराये जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद सर्वे किया गया. आयकर उप निदेशक(अनुसंधान) मयंक मिश्रा के नेतृत्व में एक दिसंबर को रांची स्थित तीन, रामगढ़ और हजारीबाग की एक-एक दुकानों में सर्वे किया गया. सर्वे में जांच-पड़ताल के दौरान यह पाया गया कि इस ग्रुप ने छह करोड़ रुपये(पुराने नोट) बैंक में जमा कराये. पूछताछ के दौरान ग्रुप के लोगों ने इसे पहले की बिक्री बतायी. हालांकि वह इससे संबंधित ब्योरा नहीं पेश कर सके. इसलिए आयकर अधिकारियों ने इस जमा राशि के सिलसिले में अलग से जांच शुरू कर दी है.
सर्वे के दौरान दुकानों के स्टॉक रजिस्टर में दर्ज जेवर की मात्रा और दुकानों में पायी गयी जेवर की मात्रा में भारी अंतर पाया गया. ग्रुप के लोगों ने स्टॉक में अंतर पाये जाने की वजह 2.5 करोड़ रुपये की अपनी अघोषित संपत्ति बतायी. इस पर टैक्स देने की बात स्वीकार कर ली. इसके साथ ही एक दिसंबर को शुरू हुआ सर्वे दो दिसंबर को समाप्त हो गया.