सचिव सीलबंद उत्तर पुस्तिकाएं मिलने के बाद उसे जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की एक सदस्यीय जांच आयोग को साैंप देंगे, ताकि आयोग समयबद्ध तरीके से जांच पूरी कर सके. मामले की सुनवाई जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा.
खंडपीठ ने आयोग को यह भी बताने का निर्देश दिया कि हाइकोर्ट ने सीलबंद उत्तर पुस्तिकाएं भेजी थी, वैसी स्थिति में उन्हें उत्तर पुस्तिका मिली या नहीं. खंडपीठ ने राज्य सरकार व विधानसभा को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 मार्च की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि लंबे समय से जांच की जा रही है.
उन्होंने पूरे मामले की निगरानी से जांच कराने का आग्रह किया. विधानसभा की अोर से अधिवक्ता विनोद कुमार साहू व आदित्य तथा राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजेश कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ईश्वर चंद्र जायसवाल ने जनहित याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. कोर्ट के आदेश पर पूर्व में विधानसभा द्वारा चयनित लगभग 150 अभ्यर्थियों की सीलबंद उत्तर पुस्तिकाअों को हाइकोर्ट में जमा कराया गया था. गुरुवार को खंडपीठ ने पूर्व से जमा उत्तर पुस्तिकाअों को एक सदस्यीय जांच आयोग को साैंपने का निर्देश दिया.