बुधवार को झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट भवन) में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में आदिवासी बच्चों के शिक्षा ऋण की गांरटी के लिए कोष बनाने और सरकार के गारंटर बनने का सुझाव आया़, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल सहमति प्रदान कर दी. बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, कल्याण मंत्री डॉ लुइस मरांडी, शिक्षा मंत्री नीरा यादव, विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के विद्यासागर, उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, कल्याण सचिव हिमानी पांडेय, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के के दास, उप महाप्रबंधक एससी पांडा, बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक प्रसाद जोशी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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झारखंड सरकार की पहल: आदिवासी बच्चों के उच्च शिक्षा ऋण का गारंटर बनेगी सरकार
रांची: झारखंड के आदिवासी बच्चों को अब उच्च शिक्षा ऋण बिना किसी परेशानी के मिल सकेगा. राज्य सरकार उनके लोन की सिक्यूरिटी की गारंटी लेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है. बुधवार को झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट भवन) में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में आदिवासी बच्चों के […]
रांची: झारखंड के आदिवासी बच्चों को अब उच्च शिक्षा ऋण बिना किसी परेशानी के मिल सकेगा. राज्य सरकार उनके लोन की सिक्यूरिटी की गारंटी लेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है.
50 करोड़ रुपये का कोष बनाया जायेगा : वर्तमान में शिक्षा लोन के तहत 7.50 लाख का ऋण बिना गारंटी के बैंकों द्वारा प्रदान किया जाता है. इससे ज्यादा राशि होने पर सिक्यूरिटी या गांरटी की मांग की जाती है. अब अतिरिक्त राशि पर सरकार गारंटर बनेगी. इसके लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा फेलोशिप योजना के नाम से 50 करोड़ रुपये का कोष बनाया जायेगा जो लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति में काम आयेगा. अनुसूचित जनजाति के साथ ही अनुसूचित जाति व ओबीसी के छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा.
नीलकंठ की अध्यक्षता में कमेटी गठित : आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा ऋण बिना परेशानी के मिले, इसके लिए ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है. गौरतलब है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट की कानूनी बाध्यता के कारण भूमि को बंधक रखे बिना बैंकों द्वारा शिक्षा ऋण नहीं दिया जा रहा था. किन शिक्षण संस्थानों, किन पाठ्यक्रमों तथा कितनी राशि तक का लोन दिया जा सकेगा, इसके लिए संबंधित विभागों को एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया.
बैंकों को शिक्षा ऋण केलिए वेब पोर्टल बनाने का निर्देश
बैठक में बैंकों को शिक्षा ऋण के लिए एक अलग वेब पोर्टल बनाने का निर्देश दिया गया. इसके माध्यम से लोन नहीं मिलने या देरी होने के कारणों का पता चलेगा. बैठक में मुख्यमंत्री ने खूंटी, गुमला में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने व राज्य की हर यूनिवर्सिटी में स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर खोलने का भी निर्देश दिया. साथ ही कल्याण विभाग को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व ओबीसी प्राधिकरण को सुदृढ़ करने का भी निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जनजाति के लोगों को व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए ऋण मिले, इसके लिए भी उपाय सुझाने को कहा है. इस संबंध में एक सप्ताह में कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी.
होनहार के आड़े नहीं आयेगी पैसे की तंगी : रघुवर
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज के बदलते युग में हर कोई उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाह रहा है. पैसे की तंगी किसी होनहार के आड़े न आये, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है. हमारे ट्राइबल बच्चे काफी मेहनती और कुशाग्र हैं, लेकिन अच्छे संस्थानों में पढ़ने के लिए पैसे नहीं हैं. कुछ लोगों ने केवल वोट बैंक की राजनीति की है. इन बच्चों के भविष्य को कैसे बेहतर बनाया जाये, इस पर काम नहीं किया. हमारी सरकार इस पर काम करेगी.
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