दोपहर एक बजे मेयर ने विधि विशेषज्ञों के साथ सलाह-मशविरा किया. विशेषज्ञों ने सलाह दी कि वे विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए बैठक कर सकती हैं. इसके बाद बैठक शुरू हुई. बैठक में अपर नगर आयुक्त विद्यानंद शर्मा पंकज, उप नगर आयुक्त संजय कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार, हेल्थ ऑफिसर किरण कुमारी आदि उपस्थित थे. इससे पूर्व भी 10 नवंबर को मेयर आशा लकड़ा के द्वारा बोर्ड की बैठक बुलायी गयी थी. परंतु इस बैठक में भाग लेने के लिए केवल तीन पार्षद ही पहुंचे थे. इस पर मेयर ने बैठक को स्थगित कर इस बैठक को दोबारा 19 नवंबर को बुलाने का निर्देश दिया था.
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मेयर-डिप्टी मेयर में तकरार बढ़ी
रांची: निगम बोर्ड की बैठक दिन के 11 बजे से शुरू होनेवाली थी. मेयर आशा लकड़ा दोपहर एक बजे तक अपने कक्ष में बैठी पार्षदों का इंतजार करती रहीं, लेकिन डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और उनके समर्थक पार्षद नहीं पहुंचे. इसके बाद मेयर बैठक में पहुंचे नौ पार्षदों के साथ ही बैठक करने को लेकर […]
रांची: निगम बोर्ड की बैठक दिन के 11 बजे से शुरू होनेवाली थी. मेयर आशा लकड़ा दोपहर एक बजे तक अपने कक्ष में बैठी पार्षदों का इंतजार करती रहीं, लेकिन डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और उनके समर्थक पार्षद नहीं पहुंचे. इसके बाद मेयर बैठक में पहुंचे नौ पार्षदों के साथ ही बैठक करने को लेकर अड़ी रहीं.
दोपहर एक बजे मेयर ने विधि विशेषज्ञों के साथ सलाह-मशविरा किया. विशेषज्ञों ने सलाह दी कि वे विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए बैठक कर सकती हैं. इसके बाद बैठक शुरू हुई. बैठक में अपर नगर आयुक्त विद्यानंद शर्मा पंकज, उप नगर आयुक्त संजय कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार, हेल्थ ऑफिसर किरण कुमारी आदि उपस्थित थे. इससे पूर्व भी 10 नवंबर को मेयर आशा लकड़ा के द्वारा बोर्ड की बैठक बुलायी गयी थी. परंतु इस बैठक में भाग लेने के लिए केवल तीन पार्षद ही पहुंचे थे. इस पर मेयर ने बैठक को स्थगित कर इस बैठक को दोबारा 19 नवंबर को बुलाने का निर्देश दिया था.
गंदी राजनीति करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी : पार्षदों द्वारा बैठक का बहिष्कार करने पर मेयर अपना गुस्सा रोक नहीं पायी. उन्होंने कहा कि जिन्होंने नगर निगम में गंदी राजनीति शुरू की है, जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी. जिन पार्षदों को विकास से मतलब है, वे इस बैठक में आये हैं. बैठक का बहिष्कार करनेवाले लोगों को मेरी सलाह है कि कम से उन लोगों का ख्याल रखें, जिन्होंने उन्हें चुनाव में वोट देकर जनप्रतिनिधि बनाया है.
केवल भुगतान हो रहा है, धरातल पर काम दिख नहीं रहा है : बैठक में पार्षदों ने शहर के सीवरेज व ड्रेनेज के लिए चयनित कंपनी ज्योति बिल्डटेक पर निगम अधिकारियों के मेहरबान होने का आरोप लगाया. पार्षद संगीता देवी ने कहा कि कंपनी द्वारा अब तक 10 प्रतिशत काम भी नहीं किया गया है. जबकि उसे मोबिलाइजेशन के लिए 55 करोड़ की राशि दे दी गयी है. पार्षदों के इस सवाल पर चीफ इंजीनियर सुरेश पासवान ने कहा कि कोई भी बड़ी कंपनी को काम प्रारंभ करने से पहले इस तरह के राशि देने का प्रावधान है. इसी के लिए कंपनी को पैसे का भुगतान किया गया है. कंपनी के कार्यों पर हमारी नजर है. अगर कंपनी सही से काम नहीं करेगी तो कंपनी को डिबार करने की भी हमारी तैयारी है.
शहीद संकल्प शुक्ला के नाम होगी खेलगांव सड़क : बैठक में खेलगांव से टाटीसिलवे को जाने वाली सड़क का नामकरण शहीद संकल्प शुक्ला के नाम पर करने पर सहमति प्रदान की गयी. इसके अलावा स्मार्ट सिटी काॅरपोरेशन के लिए निगम के जनप्रतिनिधि के रूप में वार्ड नं 45 के पार्षद अजीत उरांव का चयन किया गया. बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी कि अगली बोर्ड के बैठक में किसी पुराने प्रस्तावों पर चर्चा नहीं की जायेगी. बैठक में पार्षदों के वार्ड सहायकों के मानदेय वृद्धि को भी मंजूरी दे दी गयी.
बैठक असंवैधानिक, निर्णय मान्य नहीं
मेयर द्वारा की गयी बैठक को उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने असंवैधानिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह नियम बनाया गया था कि किसी भी बैठक की प्रोसिडिंग उप महापौर के माध्यम से मेयर को उप-स्थापित की जानी है. परंतु शनिवार की इस बैठक की प्रोसिडिंग की कॉपी हमें दी ही नहीं गयी थी. मेयर ने हमें सीधे पत्र भेज कर यह कहा था कि 19 नवंबर को बैठक है, जिसमें आपको रहना है. यह तो सरकार के द्वारा बनाये गये नियमों का खुला उल्लंघन है. मेयर को अब यह समझ जाना चाहिए कि आखिर क्यों उनके बुलावे पर भी पार्षद नहीं आ रहे हैं. उप महापौर ने यह भी कहा कि नौ पार्षद में से पांच पार्षद को तो बैठक में लाने के लिए प्रलोभन दिया गया है.
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