4.4 किमी लंबी इस लाइन जमीन के लगभग 1.6 मीटर नीचे बिछायी जायेगी. बिछाया जानेवाला केबल अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा, जो लोहे के पाइप के अंदर संरक्षित रहेगा. अंडरग्राउंड केबलिंग का फायदा यह होगा कि यदि किसी कारणवश किसी सब-स्टेशन से बिजली बंद है, तो उसे दूसरे स्रोत से चालू किया जायेगा. कंपनी की दूसरी टीम कडरू चौक के समीप से कमजोर पड़े तार को बदलने का काम शुरू करेगी. यह काम भी मार्च तक हो जाने की उम्मीद है.
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इस माह के अंत तक शुरू हो जायेगी अंडरग्राउंड केबलिंग
रांची: अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए संबंधित इलाकों के सर्वे का काम पूरा हो चुका है और ड्राॅइंग आदि को स्वीकृति भी मिल गयी है. केबलिंग के लिए जरूरी सामान आना भी शुरू हो गया है. पॉलीकैब कंपनी के अधिकारियों ने उम्मीद जतायी है कि दो साल में पूरी राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम पूरा […]
रांची: अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए संबंधित इलाकों के सर्वे का काम पूरा हो चुका है और ड्राॅइंग आदि को स्वीकृति भी मिल गयी है. केबलिंग के लिए जरूरी सामान आना भी शुरू हो गया है. पॉलीकैब कंपनी के अधिकारियों ने उम्मीद जतायी है कि दो साल में पूरी राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम पूरा हो जायेगा. इधर, पहले फेज में संभवत 25 नवंबर से कुसई सब-स्टेशन को 33 केवी मेकन सब-स्टेशन से जोड़ा जायेगा. मार्च तक इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है.
इस बार बेहतर तकनीक का इस्तेमाल का भरोसा : रांची में इससे पूर्व लालपुर रोड, हरमू रोड सहित अन्य जगहों पर भूमिगत केबल के माध्यम से बिजली उपलब्ध करायी गयी थी. हालांकि, थोड़े दिनों बाद ही केबल में खराबी आने से बिजली कटने की समस्या शुरू हो गयी. बाद में अोपेन वायरिंग के माध्यम से उपभोक्ताअों को बिजली उपलब्ध करायी गयी. इस पर कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस बार नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा. भूमिगत केबल में खराबी की सबसे अधिक संभावना ज्वाइंट में होती है. इसलिए जहां ज्वाइंटर होंगे वहां मार्कर लगाये जायेंगे. ताकि कभी कोई परेशानी होने पर उसे खोल के देखा जा सके.
दो जगहाें पर सब स्टेशन भी बना रही है कंपनी : कंपनी ने शहर में दो जगहों पर (ओरमांझी और रातू रोड के टेंडर में जगुआर कैंप के अंदर) नये सब-स्टेशन बनाने का काम भी शुरू किया गया है. अोरमांझी का काम विवाद के कारण रुक गया है. उम्मीद है कि जल्द ही इसका निदान हो जायेगा, जिसके बाद यहां भी काम शुरू हो जायेगा. वहीं जगुआर कैंप के अंदर काम तेजी से चल रहा है. यहां चहारदीवारी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. मार्च तक कंक्रीट का काम पूरा कर लिया जायेगा. इसके बाद सब-स्टेशन के अंदर तार लगाने से लेकर अन्य काम किये जायेंगे. कंपनी की मानें तो जनवरी 2017 तक काम दिखने लगेगा.
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