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सीएनटी-एसपीटी एक्ट में नहीं हो संशोधन : बहादुर उरांव

रांची: चक्रधरपुर के पूर्व विधायक बहादुर उरांव बुधवार को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे. वे मुख्यमंत्री रघुवर दास को टीएसी से हटाने और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन वापस लेने की मांग कर रहे थे. दिल्ली से आये सामाजिक कार्यकर्ता वीर भारत तलवार, चाईबासा के पूर्व विधायक हिबर गुड़िया सहित कई […]

रांची: चक्रधरपुर के पूर्व विधायक बहादुर उरांव बुधवार को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे. वे मुख्यमंत्री रघुवर दास को टीएसी से हटाने और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन वापस लेने की मांग कर रहे थे. दिल्ली से आये सामाजिक कार्यकर्ता वीर भारत तलवार, चाईबासा के पूर्व विधायक हिबर गुड़िया सहित कई बहादुर के समर्थन में जुटे थे. शाम को प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने नारियल पानी पिला कर उनकी भूख हड़ताल समाप्त करायी.
इससे पहले अनशन स्थल पर हुई सभा में श्री उरांव ने कहा कि सीएनटी एक्ट हमें भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष के कारण मिला है. सरकार काॅरपोरेट घरानों को जमीन देना चाहती है. इस एक्ट में संशोधन से आदिवासी और मूलवासी समाप्त हो जायेंगे. कुछ लोग लालचवश गलत को सही बता रहे हैं. बहादुर उरांव की भूख हड़ताल समाप्त कराने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री सह झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार हिडेन एजेंडे पर काम कर रही है.

इस कारण सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करना चाहती है. झामुमो को सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किसी प्रकार का संशोधन स्वीकार नहीं है. सरकार ने सदन में इस पर जबरदस्ती करने की कोशिश की तो आंदोलन किया जायेगा. झामुमो भाजपा शासित सरकार का मंशा जानती है. यह व्यावसायियों के लिए काम कर रही है. आदिवासियों की जमीन लूटने की साजिश हो रही है. झामुमो ने व्यापक आंदोलन की रणनीति बना ली है. जल्द ही इसे जमीन पर उतारा जायेगा.

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