इसी साल पुलिस ने ढाई करोड़ रुपये से अधिक के नोट नक्सलियों-उग्रवादियों के ठिकानों से जब्त किये हैं. वर्ष 2013 में पुलिस ने 46.59 लाख, वर्ष 2014 में 31.62 लाख और वर्ष 2015 में 70.54 लाख रुपये पुलिस ने जब्त किये थे. इस बारे में पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आइजी अभियान एमएस भाटिया ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उन रुपयों का क्या होगा.
यह नीतिगत मामला है. सरकार के स्तर पर जो निर्णय लिया जायेगा, उसके अनुसार पुलिस काम करेगी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पुलिस जब रुपये जब्त करती है, तो उसका नंबर नोट करके उसे सील बंद किया जाता है. जिन मामलों में अदालत से आरोपी को सजा हो जाती है, उन मामलों में जब्त रुपये ट्रेजरी के जरिये बैंक में जमा करा दिये जाते हैं. वहीं जिन मामलों के ट्रायल अभी चल रहे हैं, उस रुपये (अगर बड़ी राशि हो तो) को ट्रेजरी में रखा जाता है. अगर नोट की मात्रा कम होती है, तो उसे थाना के मालखाना में ही रखा जाता है. कई बार कोर्ट द्वारा जब्त रुपये को वापस लौटाने का भी आदेश दिया जाता है. इसलिए इन नोटों के बारे में भी समय रहते सोचना होगा.