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एचइसी के उत्थान के लिए हो आंदोलन : अभिजीत

रांची : हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचइसी) 15 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनायेगा. एचइसी की स्थापना वर्ष 1958 में हुई थी. एचइसी रेलवे, माइनिंग, पावर, रक्षा, स्पेस रिसर्च आदि क्षेत्रों के लिए उपकरण का निर्माण करता है. कंपनी का भविष्य आधुनिकीकरण पर टिका है. देश-दुनिया में बदलते आर्थिक परिदृश्य और वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा में एचइसी को […]

रांची : हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचइसी) 15 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनायेगा. एचइसी की स्थापना वर्ष 1958 में हुई थी. एचइसी रेलवे, माइनिंग, पावर, रक्षा, स्पेस रिसर्च आदि क्षेत्रों के लिए उपकरण का निर्माण करता है. कंपनी का भविष्य आधुनिकीकरण पर टिका है. देश-दुनिया में बदलते आर्थिक परिदृश्य और वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा में एचइसी को आगे निकलना है, तो केंद्र सरकार को पहल करनी होगी. प्रबंधन ने आधुनिकीकरण को लेकर 1000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया है.अब केंद्र सरकार को निर्णय लेना है़ एचइसी की वर्तमान स्थिति पर एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने प्रभात खबर संवाददाता राजेश झा से खास बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत के अंश :
अभी एचइसी की क्या स्थिति है ?
एचइसी अभी जिस कगार पर खड़ा है, प्रबंधन के पास सबसे बड़ी प्राथमिकता कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने की है. एचइसी के पास पर्याप्त वर्कऑर्डर है. ऑर्डर को पूरा करने में सबसे बड़ी बाधा पुरानी मशीन व कार्यशील पूंजी है. पिछले दिनों दिल्ली से विशेषज्ञ टीम ने एचइसी का भ्रमण किया था. वार्ता सकारात्मक हुई है.
कार्यशील पूंजी के लिए क्या प्रयास हो रहा है?
एचइसी छोटे-छोटे ऑर्डर ले रहा है. जिसे बनाने में अधिक समय नहीं लगता है व उपकरण की आपूर्ति भी दो से छह माह में पूरा हो जाती है. एचइसी स्पेयर पार्टस पर अधिक ध्यान केंद्रित किये हुए है, जिसमें पूंजी फंसती नहीं है.
एचइसी का जीर्णोद्धार कब तक?
आधुनिकीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार के पास है. वह जितनी जल्दी होगा, एचइसी के भविष्य के लिए उतना अच्छा होगा. आधुनिकीकरण के लिए प्लान तीन वर्ष का है, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. एक बार जो प्लान एचइसी ने बनाया है वह भारत सरकार से स्वीकृत हो जाता है, तो उसके बाद तीन वर्षों में आधुनिकीकरण का कार्य पूरा हो जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं है कि एचइसी तीन वर्ष बाद कमाना शुरू कर देगा. प्लान फेज वाइज बनाया गया है़
एचइसी ने कई विदेशी कंपनी से एमओयू किया है, इसका फायदा कब से होगा ?
रसियन कंपनी सीनिट मास के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए एमओयू हुआ है, जो फरवरी-मार्च से शुरू होगा. इससे एचइसी के इंजीनियर, तकनीकी विशेषज्ञ व बाहर के इंजीनियर ट्रेंड होंगे व उनका स्किल लेबल बढ़ेगा. दूसरा एमओयू सीप साफ्ट की तकनीक लेने का है. तकनीक मिलने से एचइसी पानी जहाज का उपकरण बनायेगा. वहीं वेल्डिंग तकनीक भी रूसी कंपनी देगी.
एचइसी कैसे आगे बढ़ेगा, आपकी सोच क्या है ?
एचइसी को आगे बढ़ाने के लिए आंदोलन की जरूरत है. ऐसा आंदोलन जिसमें सकारात्मक सोच, समय की प्रतिबद्धता हो. सबका साथ मिले.

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