श्री खरे ने कहा कि आनेवाले वर्षों में हम खुले में शौच मुक्त झारखंड के लक्ष्य को प्राप्त कर लेने के प्रति आशान्वित हैं. मुख्यमंत्री के सचिव सह उद्योग एवं खान सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में सीएसआर फंड के उपयोग के लिए तीन प्राथमिकताएं स्वच्छ झारखंड, कुपोषण मुक्त झारखंड एवं राज्य में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना निर्धारित किया है.
उद्योग निदेशक के रविकुमार ने कहा कि सीएसआर फंड में अब तक 919 करोड़ रुपये आ चुके हैं. इस राशि से छह हजार स्कूलों व 25 हजार घरों में टॉयलेट बनाने का काम चल रहा है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने भी विचार रखे. यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ मधुलिका जोनाथन ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने तक 370 पंचायत ओडीएफ हो जायेंगे. यूनिसेफ के स्वच्छता विशेषज्ञ कुमार प्रेमचंद, जनसंपर्क अधिकारी मोइरा समेत कई लोग मौके पर मौजूद थे.