रांची के एक बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की कारोबारी बताते हैं कि यह पहला मौका है जब चाइनीज उत्पादों की मांग में भारी गिरावट आयी. पूरे झारखंड में 35 से 40 फीसदी तक चाइनीज उत्पादों की मांग में गिरावट आयी है. झारखंड में चाइनीज उत्पादों का कारोबार पिछले वर्ष लगभग एक सौ करोड़ रुपये का था, जो इस बार घटकर 60 से 65 करोड़ रुपये का हो गया है. सबसे ज्यादा नुकसान चाइनीज झालर लाइट को लेकर उठाना पड़ा है. कई थोक व रिटेलर के यहां उत्पादों की बिक्री नहीं हुई.
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झारखंड में चाइनीज उत्पादों की बिक्री 40 फीसदी तक घटी
रांची : देशभर में चाइनीज उत्पादों के खिलाफ चल रहे मुहिम का असर रांची समेत झारखंड के अन्य शहरों में भी देखा गया. नतीजा यह रहा कि इस बार दीपावली पर झारखंड में चाइनीज उत्पादों का बाजार फीका रहा. जैसे-जैसे चाइनीज उत्पादों के खिलाफ अभियान तेज होता गया, बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों में भीड़ कम […]
रांची : देशभर में चाइनीज उत्पादों के खिलाफ चल रहे मुहिम का असर रांची समेत झारखंड के अन्य शहरों में भी देखा गया. नतीजा यह रहा कि इस बार दीपावली पर झारखंड में चाइनीज उत्पादों का बाजार फीका रहा. जैसे-जैसे चाइनीज उत्पादों के खिलाफ अभियान तेज होता गया, बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों में भीड़ कम होती गयी. वहीं देसी लाइटों और दीयों की दुकानों पर भीड़ उमड़ी.
मेड इन इंडिया पर रहा जोर : राजधानी रांची में धनतेरस से लेकर दिवाली तक बाजार में लोगों की भीड़ थी. पर यह भीड़ मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया के लिए थी. महावीर चौक के एक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानदार बताते हैं लोग पूछ रहे थे कि लाइट चाइनीज है इंडियन. जब कहा गया कि चाइनीज है, तो ग्राहक साफ मना कर दे रहे थे. वहीं अरगोड़ा में कुमार इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक बताते हैं कि लोगों की पूछताछ में साफ-साफ देशभक्ति झलक रही थी. एक ग्राहक तो इस बात पर काफी नाराज ही हो गया कि वह चाइनीज उत्पाद क्यों बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पाद क्यों नहीं बेचते? अखबार नहीं पढ़ते क्या? कांके के एक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान के संचालक ने बताया कि बहुत ज्यादा असर तो नहीं था, पर यह जरूर है कि पिछले साल की तुलना में इस बार मांग काफी कम थी.
रिटेलर को उठाना पड़ा भारी नुकसान : महावीर चौक के एक होलसेलर व्यापारी बताते हैं कि थोक कारोबारियों को तो कम पर खुदरा कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. खुदरा कारोबारी एक माह पूर्व ही माल बुक करा चुके थे. कई ऐसे रिटेलर भी थे, जो कह रहे थे कि यदि माल वापस हो सकता है तो मंगा ले. कुछ रिटेलर के माल भी वापस लिये गये. वहीं, दिल्ली के एक आयातक जो चाइना से आयात करते हैं, उन्होंने भी 70 प्रतिशत आर्डर कैंसिल कर दिया. थोक कारोबारी बताते हैं कि यह समझ नहीं आ रहा था कि लोगों में अचानक यह जागरूकता कैसे आयी. साफ-साफ चाइनीज उत्पादों के प्रति उनकी नफरत दिख रही थी. कुछ समाचार पत्रों का हवाला दे रहे थे तो कुछ सोशल मीडिया.
तीन लाख का घाटा उठाना पड़ा : संजय वर्मा
महावीर चौक में आदित्य इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक संजय वर्मा ने बताया कि दिवाली के पूर्व उन्होंने छह लाख रुपये की पूंजी लगाकर चाइनीज लाइट मंगायी था. पर इस बार तो जैसे ग्राहकों ने तय ही कर लिया था कि चाइनीज लाइट नहीं खरीदेंगे. स्थिति यह हो गयी कि पूंजी ऊपर करने के लिए धनतेरस के दिन से ही खरीदारी मूल्य पर ही बेचने लगे. फिर भी लोग नहीं ले रहे थे. जैसे-तैसे आधा माल बिका. करीब तीन लाख रुपये का नुकसान इस बार उठाना पड़ा है. संजय बताते हैं कि यही स्थिति रांची के अन्य दुकानदारों की भी रही है. सभी परेशान थे कि पूंजी को कैसे ऊपर करें. ग्राहक बिजली से चलनेवाले वाले भारतीय उत्पादों की मांग ही कर रहे थे. इंडियन लोटस, स्टैंड आदि की बिक्री ज्यादा हुई. लोग यह कह रहे थे कि कीमत जो भी लगे, पर खरीदेंगे इंडियन ही.
लोग गुस्सा हो जाते थे : कुमार इलेक्ट्रॉनिक्स
अरगोड़ा में कुमार इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक बताते हैं कि चाइनीज लाइट देख कर ही एक व्यक्ति उनपर काफी नाराज हुआ. कहा कि इसे हटाओ. उन्हें समझाया कि पैसा लग चुका है क्या करें? तब वह शांत हुए. उनके दुकान पर अशोक नगर और हरमू कॉलोनी के ग्राहक ज्यादा आते हैं. पर इस बार चाइनीज लाइट की बिक्री नहीं हुई.
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