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भ्रामक तथ्यों से जनता को दिग्भ्रमित नहीं करें
सीएनटी-एसपीटी एक्ट बदलने वालों को इसके इतिहास व भूगोल की जानकारी नहीं : सुखदेव रांची : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को असंवैधानिक बताया है़ श्री भगत ने कहा है कि सीएनटी/एसपीटी एक्ट के संशोधन का समर्थन करने वाली सरकार और उसके प्रवक्ता को इसके इतिहास, भूगोल और संविधान […]
सीएनटी-एसपीटी एक्ट बदलने वालों को इसके इतिहास व भूगोल की जानकारी नहीं : सुखदेव
रांची : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को असंवैधानिक बताया है़ श्री भगत ने कहा है कि सीएनटी/एसपीटी एक्ट के संशोधन का समर्थन करने वाली सरकार और उसके प्रवक्ता को इसके इतिहास, भूगोल और संविधान की जानकारी हासिल करनी चाहिए़ भ्रामक तथ्यों से जनता को दिग्भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए़
उन्होंने कहा कि सीएनटी एक्ट 1908 की धारा–21 व एसपीटी एक्ट 1949 की धारा 13 में संशोधन कर कृषि भूमि के उपयोग को गैर कृषि में बदलने एवं किसी भी भौगोलिक क्षेत्र को गैर कृषि क्षेत्र के रूप में घोषित करने की शक्ति सरकार अपने हाथों में लेना चाहती है़ आदिवासी की कृषि भूमि को गैर कृषि में बदलते ही वह भूमि सीएनटी 1908 की धारा–46,47,48 एवं एसपीटी 1949 की धारा–20 के बंधन से मुक्त हो जायेगी और उसे बिना रोकटोक या उपायुक्त की अनुमति के कोई भी खरीद सकेगा. इसके बाद आदिवासियों की जमीन को हड़पने का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा़
श्री भगत ने कहा कि धारा–49 में 1996 से पूर्व भवन निर्माण, परोपकारी उपयोग, धार्मिक, उद्योग, खनन, सिंचाई, शिक्षा के लिए आदिवासी जमीन को लिया जा सकता था, जिसके कारण आदिवासियों की जमीन का दुरुपयोग किया गया़ 1961 की रिपोर्ट के अनुसार धारा–49 का उल्लंघन का विस्तृत रिपोर्ट पेश किया जा चुका है, जिसे देखते हुए महामहिम राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 339 के तहत ढीबर आयोग का गठन किया तथा वर्ष 1969 एवं 1976 में संशोधन कर आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासियों के नाम पर हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पर पूर्णत: विराम लगाया.
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