उन्होंने कहा कि पिछले 14 साल तक स्थानीय नीति को लेकर भी गंदी राजनीति की गयी. सरकार ने स्थानीय नीति घोषित कर दी है. अब तक 50 हजार रिक्तियों को भरा जा चुका है. अगले एक साल में 70 हजार नियुक्तियां की जायेंगी. भू-राजस्व मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि विपक्ष लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. रैयतों का मालिकाना हक बरकरार रहेगा. इसमें प्रावधान किया गया है कि सरकार ने जिस काम के लिए जमीन का अधिग्रहण किया है, वह अगर पांच साल तक शुरू नहीं होगा, तो रैयतों को जमीन वापस हो जायेगी. इन्हें मुआवजा की राशि भी वापस नहीं करनी पड़ेगी. ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि जब तक गांव का विकास नहीं होगा, तब तक राज्य समृद्ध नहीं होगा. मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि विकास में सरकार सभी लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करेगी. मौके पर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, भू राजस्व सचिव केके सोन, कल्याण सचिव हिमानी पांडेय, मुख्यमंत्री के सलाहकार रजत सेठी समेत कई लोग मौजूद थे.
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सीएनटी-एसपीटी में उलझा कर विकास को बाधित करने की राजनीति : रघुवर
रांची : कल्याण विभाग की ओर से शनिवार को एचइसी स्टेडियम में ग्राम विकास सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें राज्य के मानकी, मुंडा, बैगा, पाहन, महतो, मांझी, प्रधान ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से सीधा संवाद किया. मुख्यमंत्री को अपनी समस्याएं बतायीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश व राज्य का विकास तभी संभव है, जब […]
रांची : कल्याण विभाग की ओर से शनिवार को एचइसी स्टेडियम में ग्राम विकास सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें राज्य के मानकी, मुंडा, बैगा, पाहन, महतो, मांझी, प्रधान ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से सीधा संवाद किया. मुख्यमंत्री को अपनी समस्याएं बतायीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश व राज्य का विकास तभी संभव है, जब गांव समृद्ध होगा. सरकार गांव के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन यहां के विपक्षी दल लोगों को सीएनटी-एसपीटी समेत अन्य मामलों में उलझा कर विकास को बाधित करने की साजिश रच रहे हैं.
श्री दास ने कहा कि सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट की मूलभावना में किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं की है, बल्कि नियमों का सरलीकरण किया है, ताकि विकास योजनाओं को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जा सके. मुख्यमंत्री ने एक मामले का उदाहरण देते हुए बताया कि जब वे वर्ष 2004 में नगर विकास मंत्री थे, तब गुमला में बाइपास रोड के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी. 11 साल में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हुई और छह माह पहले इसका शिलान्यास हो पाया. सरकार की ओर से किये गये संशोधन से रैयतों को तीन माह के अंदर चार गुना मुआवजा राशि का भुगतान हो जायेगा.
सम्मान राशि बढ़ाने का किया आग्रह
सम्मेलन के दौरान मानकी, मुंडा, बैगा, पाहन व प्रधान ने सम्मान राशि बढ़ाने का आग्रह किया. वहीं, कुछ ग्राम प्रधान ने सरकार की व्यवस्था की पोल खोली. कहा गया कि ग्रामीणों को चीनी, केरोसिन नहीं मिल रहे हैं. गांव में सिंचाई व पीने के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है. ब्लॉक में प्रधान को बैठने के लिए कोई स्थान नहीं है. अभी डोभा का निर्माण कराया गया है, लेकिन उसमें पानी नहीं है. कुछ प्रधान ने सरकार की ओर से सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन को सही बताया.
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