रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी की स्वतंत्र जांच व निवेशकों की जमा पूंजी वापस दिलाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी के खिलाफ दर्ज मामलों की स्पीडी ट्रायल होनी चाहिए. इसके लिए विशेष अदालत का गठन किया जा सकता है.
खंडपीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि मामलों की स्पीडी ट्रायल के लिए क्या विशेष अदालत का गठन करेगी. शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा गया. राज्य सरकार की अोर से जवाब देेने के लिए समय देने का आग्रह किया गया. इस पर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई एक माह के स्थगित कर दी.
इससे पूर्व प्रार्थी अधिवक्ता हरेंद्र कुमार सिंह ने स्वयं पक्ष रखा. उन्होंने चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी से हजारों निवेशकों के आर्थिक नुकसान का मुद्दा उठाया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी हरेंद्र कुमार सिंह ने जनहित याचिका दायर की है. झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में पूर्व में सीबीआइ दो दर्जन से अधिक चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी के खिलाफ जांच कर रही है. मामले की जांच हो रही है, लेकिन कंपनियों में हजारों गरीब निवेशकों के जमा अरबों रुपये लाैटाने की दिशा में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है.