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आंदोलन: हजारों की संख्या में पहुंचे राजधानी, बल पूर्वक स्टेडियम में रोके गये पारा शिक्षक

समायोजन नीति बनाने की मांग को लेकर पूरे राज्य में पारा शिक्षक 17 सितंबर से ही आंदोलनरत हैं. आंदोलन के अंतिम चरण में ये लोग ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ का नारा बुलंद करते हुए गुरुवार को राजधानी में जुटे, जहां पुलिस ने सभी को बल पूर्वक जयपाल सिंह स्टेडियम में रोक दिया. हालांकि प्रशासन ने उन्हें […]

समायोजन नीति बनाने की मांग को लेकर पूरे राज्य में पारा शिक्षक 17 सितंबर से ही आंदोलनरत हैं. आंदोलन के अंतिम चरण में ये लोग ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ का नारा बुलंद करते हुए गुरुवार को राजधानी में जुटे, जहां पुलिस ने सभी को बल पूर्वक जयपाल सिंह स्टेडियम में रोक दिया. हालांकि प्रशासन ने उन्हें हिरासत में लिये जाने की बात से इनकार किया है. ‘झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ’ का दावा है कि राज्य भर से करीब 30 हजार पारा शिक्षक राजधानी रांची पहुंचे हैं.
वार्ता विफल, सचिव ने कहा : पहले स्कूल लौटें
रांची: झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के बैनर तले आयोजित ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्य भर से आये पारा शिक्षक सुबह दस बजे से ही मोरहाबादी मैदान में जमा होने लगे थे. वहीं, काफी संख्या में पुलिस बल भी मोरहाबादी मैदान में तैनात था. घंटे भर में पूरा मैदान शिक्षकों से भर गया.

पारा शिक्षक मुख्यमंत्री आवास का घेरने की तैयारी कर रहे थे. चूंकि, मोरहाबादी में धारा 144 लागू होने के कारण पारा शिक्षकों को बल पूर्वक रोक दिया गया. इसके बाद सभी को जयपाल सिंह स्टेडियम लाया गया और वहीं रखा गया. हालांकि प्रशासन ने उन्हें हिरासत में लेने की बात से इनकार किया है.

पारा शिक्षकों के साथ राज्य के बीआरपी-सीआरपी भी आंदोलन कर रहे हैं और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय दुबे और बीआरपी-सीआरपी महासंघ के अध्यक्ष पंकज शुक्ला ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा. पारा शिक्षक समायोजन नीति बनाने, मानदेय में 25 फीसदी की बढ़ोतरी करने व गत वर्ष आंदोलन के दौरान हुए समझौता के शर्तों को लागू करने की मांग कर रहे हैं. शाम तक पुलिस मोरहाबादी से पारा शिक्षकों को जयपाल सिंह स्टेडियम ला रही थी.
बच्चे भी आये हैं साथ में
पारा शिक्षकों के साथ उनके परिवार के सदस्य भी हैं. काफी संख्या में महिला पारा शिक्षक भी रांची पहुंची हैं. कैंप जेल में ही खाना बनाने की व्यवस्था की गयी है. पारा शिक्षकों का कहना है कि 25 अक्तूबर तक ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ कार्यक्रम जारी रहेगा. इसके बाद आगे के आंदोलन की घोषणा की जायेगी. संघ का कहना है कि जयपाल सिंह स्टेडियम में हमें रखा गया है, लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है.
सचिव से वार्ता विफल
पारा शिक्षक व बीआरपी-सीआरपी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक से वार्ता हुई. वार्ता में कोई सहमति नहीं बनी. सचिव ने हड़ताली पारा शिक्षक व बीआरपी-सीआरपी से कहा कि वे पहले आंदोलन समाप्त करें. सरकार उनकी सभी मांगाें पर गंभरीता पूर्वक विचार करेगी. सरकार उनकी समस्याओं को लेकर गंभीर है. शिक्षक पहले विद्यालय लौट जायें. संघ प्रतिनिधिमंडल इस पर आंदोलन समाप्त करने को तैयार नहीं हुआ. संघ का कहना है कि सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है.
बरखास्त करने की प्रक्रिया शुरू
झारखंड शिक्षा परियोजना के हड़ताली कर्मचारी को बरखास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. झारखंड शिक्षा परियोजना के राज्य मुख्यालय द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया था. कर्मचारियों को 20 अक्तूबर तक काम पर लौटने को कहा गया था. समय सीमा समाप्त होने के बाद भी कर्मचारी काम पर नहीं लौटे. काम पर लौटने का अल्टिमेटम समाप्त होने के बाद अब परियोजना ने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कर्मचारियों की बरखास्तगी के बाद नये कर्मियों की नियुक्ति की जायेगी. राज्य मुख्यालय के साथ-साथ झारखंड शिक्षा परियोजना के जिला स्तरीय कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गयी है. राज्य भर के झारखंड शिक्षा परियोजना के कर्मचारी 13 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. कर्मचारी छठा वेतनमान व ग्रुप बीमा का लाभ देने की मांग कर रहे हैं.
मृत पदाधिकारी को भी भेजा गया नोटिस
परियोजना के वैसे अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जिनका निधन हो गया है, उन्हें भी काम पर लौटने का नोटिस दिया गया है. जो पदाधिकारी हड़ताल पर नहीं है, उन्हें भी काम पर लौटने को कहा जा रहा है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा गुरुवार को परियोजना के अधिकारी व कर्मियों को काम पर लौटने के लिए नोटिस जारी किया गया है, जिनमें इनका भी नाम है.
फरवरी में हुआ समझौता लागू करे सरकार : संघ
झरखंड शिक्षा परियोजना परिषद कर्मी संघ के अध्यक्ष राजीव शरण ने कहा है कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. इस वर्ष फरवरी में परियोजना कर्मियों के साथ सरकार का समझौता हुआ था. संघ उन्हीं बातों को लागू करने की मांग कर रहा है, जिस पर पूर्व में सहमति बन चुकी है. उन्होंने कहा कि फरवरी में आंदोलन के दौरान कर्मचारियों को छठा वेतनमान का लाभ देने, समूह बीमा व चिकित्सा बीमा देने, कर्मचारी भविष्य निधि व सेवा नियमितिकरण पर सहमति बनी थी. सहमति पत्र पर झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक का हस्ताक्षर भी है. अब सरकार समझौता को लागू करने से पीछे हट रही है.
पारा शिक्षकों को बढ़ा मानदेय देने का आदेश
झारखंड शिक्षा परियाेजना ने राज्य के पारा शिक्षकों के मानदेय मे 10 फीसदी बढ़ोतरी का पत्र जारी कर दिया है. सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को इस संबंध में गुरुवार को पत्र भेज दिया गया है. पत्र में कहा गया है कि वैसे सभी पारा शिक्षक जो हड़ताल पर नहीं हैं या हड़ताल से वापस होकर कार्य कर रहे हैं उन्हें बढ़ा हुआ मानदेय का भुगतान किया जाये. पारा शिक्षकों को एक सप्ताह के अंदर मानदेय का भुगतान का आदेश दिया गया है. बढ़ा हुआ मानेदय अप्रैल 2016 से मिलेगा.

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