28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

समय पर पूरा नहीं होने के कारण 29 योजनाओं का हाल, 4298 करोड़ के प्रोजेक्ट हो गये 19249 करोड़ के

झारखंड में 4298 करोड़ की कुल 29 परियोजनाओं की लागत बढ़ कर 19249 करोड़ रुपये हो गयी है. समय पर पूरा नहीं हो पाने के कारण इनकी लागत करीब साढ़े चार गुना तक बढ़ गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के लंबित प्रोजेक्ट का जिक्र किया था. अपने भाषण में कहा था […]

झारखंड में 4298 करोड़ की कुल 29 परियोजनाओं की लागत बढ़ कर 19249 करोड़ रुपये हो गयी है. समय पर पूरा नहीं हो पाने के कारण इनकी लागत करीब साढ़े चार गुना तक बढ़ गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के लंबित प्रोजेक्ट का जिक्र किया था. अपने भाषण में कहा था कि देरी होने के कारण 34 करोड़ का प्रोजेक्ट 2100 करोड़ का हो गया है. झारखंड में भी कमोबेश यही स्थिति है. प्रभात खबर की टीम ने झारखंड की लंबित योजनाओं का जायजा लिया, तो पाया गया कि इनकी लागत काफी बढ़ गयी है.
रांची: झारखंड की कई विकास योजनाएं वर्षों से लंबित है. हर साल इनकी लागत बढ़ती जा रही है. सिंचाई परियोजनाएं तो दशकों से निर्माणाधीन हैं. विलंब होने से झारखंड की 4298 करोड़ की कुल 29 परियोजनाओं की लागत बढ़ कर 19249 करोड़ रुपये हो गयी है. इनमें सिंचाई, रेल, सड़क सहित रांची के सिवरेज-ड्रेनेज की परियोजना भी शामिल हैं.
446 करोड़ की थी 19 सिंचाई योजनाएं : राज्य की सिंचाई परियोजनाएं अधिकतम 40 वर्षों से चल रही हैं. तत्कालीन बिहार व फिर झारखंड में अब तक इन योजनाओं पर 4500 करोड़ खर्च हो चुके हैं, फिर भी पानी नहीं निकला. दस्तावेजों के अनुसार, कुल 19 सिंचाई योजनाओं की शुरुआती लागत 446 करोड़ थी, जो विलंब के कारण अब 9674 हजार करोड़ की हो गयी है. ये परियोजनाएं पूरी हो जाती, तो 5.5 लाख हेक्टेयर जमीन को पानी मिलता. वर्तमान सरकार ने पुरानी योजनाओं को पूरा करने में तेजी लायी है.
5775 करोड़ की हुई रेल परियोजनाएं
वर्ष 2002 से 2007 के बीच शुरू हुई 1997 करोड़ की पांच रेल परियोजनाएं भी समय पर पूरी नहीं हुई. विलंब के कारण इनकी वर्तमान लागत 5775 करोड़ रुपये हो गयी है. काम पूरा नहीं होने पर वर्ष 2012 में राज्य सरकार व रेल मंत्रालय के बीच 2007 की तारीख से दोबारा एकरारनामा हुआ. इसमें योजनाओं की लागत बढ़ कर 3771 करोड़ हो गयी. एकरारनामे के मुताबिक मार्च 2013 तक परियोजनाओं का काम पूरा होना था. पर काम पूरा नहीं हो सका. तीसरी बार राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच एकरारनामा हुआ. लागत बढ़ कर 5775 करोड़ हो गयी.
तीन सड़क का काम वर्षों से लंबित
राज्य की तीन सड़कें लंबे समय से बन रही हैं. निर्माण में देरी से इनकी लागत भी बढ़ गयी है. रांची रिंग रोड फेज सात (कांठीटांड़-विकास) की लागत तीन गुनी हो गयी है. इस सड़क का बजट 155 करोड़ रुपये का था. अब इसका इस्टीमेट 450 करोड़ रुपये किया गया है. अंतर
यह है कि अब यह सड़क फोर लेन के बजाय छह लेन बनेगी. हजारीबाग-बरही रोड का इस्टीमेट 200 करोड़ का था. योजना लटक जाने से इसकी लागत 600 करोड़ कर दी गयी है. महुलिया-बहरागोड़ा सड़क की शुरुआती लागत 400 करोड़ रुपये थी, जो अब 850 करोड़ हो गयी है.
विलंब से बढ़ी लागत (करोड़ रुपये में)
योजनाएं कुल शुरुआती वर्तमान
योजनाएं लागत लागत
सिंचाई परियोजनाएं 19 446 9674
रेल परियोजनाएं 06 1997 5775
सड़क परियोजनाएं 03 755 1900
सिवरेज-ड्रेनेज 01 1100 1900
कुल 29 4298 19249

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें