मांडर: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि छोटानागपुर की परंपरा व संस्कृति को कोई नष्ट नहीं कर सकता है. इसकी रक्षा के लिए सरकार आपके साथ है. जो भी इसे नष्ट करने का प्रयास करेगा, उसका स्थान होटवार में होगा. वे मंगलवार को मुड़मा जतरा के समापन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल से ही आदिवासियों की परंपरा व संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास जारी है.
लेकिन लोभ, मजहब व धर्म के नाम पर धर्मांतरण व सरना बहनों को बहला-फुसला कर दूसरे धर्म में ले जाने का काम रघुवर सरकार में नहीं चलेगा. 181 पर सूचना दें, 24 घंटे में कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने जतरा स्थल स्थित शक्ति खूंटा को देवघर की तरह राजकीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की. कहा कि एक साल में इसके स्वरूप को बदल दिया जायेगा. अगल-बगल के गृह स्वामी इसका अतिक्रमण नहीं करें. यह राष्ट्रीय धरोहर है. इसे बचाये रखना सबकी जिम्मेवारी है.
सरकार यहां तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायेगी, जो अन्य पर्यटक स्थलों में होती है. रघुवर दास ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है लेकिन इसकी गोद में गरीबी पल रही है. उन्होंने आज जतरा खूंटा की अाराधना कर शक्ति मांगी है कि झारखंड से गरीबी समाप्त हो व एक शिक्षित व रोजगार मूलक समाज की स्थापना हो. क्योंकि व्यक्ति का विकास होगा तभी राज्य समृद्धशाली बनेगा. उन्होंने आह्वान किया कि इस तरह का मेला और जगहों पर लगना चाहिए. क्योंकि मेला मिलने-जुलने का माध्यम है. इसमें ग्रामीणों द्वारा निर्मित सामान की खरीद-बिक्री भी होती है. समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि मुड़मा जतरा मुंडा व आदिवासी समुदाय का संधि स्थल है. इसका एेतिहासिक महत्व है इसलिए इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि मुड़मा जतरा की शुरुआत हमारे पूर्वजों ने की थी. यह मुंडा व आदिवासियों का मिलन व समन्वय स्थल है. इसका चहुंमुखी विकास होना चाहिए. इससे पूर्व धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने मुड़मा जतरा के संबंध में प्रकाश डाला. स्थल को विकसित करने को लेकर मांग पत्र भी दिया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पाहनों को सम्मानित भी किया. कार्यक्रम का संचालन जतरा समिति के अध्यक्ष अनिल उरांव ने किया. समारोह में अनिल उरांव, जतरू उरांव, रंथु उरांव, कमले किस्पोट्टा, एतो उरांव, लक्ष्मण उरांव, सुखदेव उरांव, बाबू पाठक, सुबोध नंद तिवारी, राजू उरांव, सहदेव उरांव सहित अन्य मौजूद थे.
मांडर में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खुलेगा: सीएम ने मांडर में स्किल डेवलपमेंट के लिए एक सेंटर खोलने की बात कही. कहा कि वहां महिलाओं को हुनर सिखाया जायेगा. जिससे उन्हें रोजगार मिलेगा व उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. उन्होंने क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं को मुर्गी पालन के लिए राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की. कहा कि मुर्गी से अंडा का उत्पादन होगा व महिलएं उसे गांव के ही स्कूल में बेच कर पैसे कमायेंगी.
मेले में उमड़ी हजारों की भीड़: मुड़मा जतरा मंगलवार को संपन्न हो गया. दो दिवसीय मेले में हजारों लोगों ने आनंद उठाया. परंपरा के अनुसार 40 पाड़हा के लोग अपने परंपरागत पाड़हा निशान के साथ नाचते-गाते मेला स्थल पहुंचे. जतरा खूंटा की परिक्रमा कर खोड़हा में बंट कर नाच-गान प्रस्तुत किया. अंतराष्ट्रीय धावक बुधुआ उरांव भी काठ के हाथी पर खोड़हा के साथ पहुंचे थे. मेले में पश्चिम बंगाल, अोड़िशा व छत्तीसगढ़ से भी खोड़हा लेकर लोग शामिल होने पहुंचे थे. बिजली चालित झूला, मौत का कुआं, सर्कस, ड्रेगन रेस व जादू का खेल मेले का आकर्षण रहा. लोगों ने पारंपरिक हथियार, कृषि उपकरण, घरेलू सामान, श्रृंगार प्रसाधन, मिठाई, ईख, ढोल नगाड़े व मांदर की खरीदारी की. बांस की बनी मशहूर सब्जी हड़ुवा व कचरी की खूब बिक्री हुई. मेला के शांतिपूर्ण संपन्न होने पर प्रशासन व राजी पाड़हा जतरा संचालन समिति के लोगों ने राहत की सांस ली है.
आभार जताया : मेले के सफल आयोजन में सहयोग को लेकर राजी पाड़हा जतरा समिति के अध्यक्ष अनिल उरांव, धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने मेले में शामिल होनेवाले लोगों के अलावा 40 पाड़हा के पहान पुजार, स्वयंसेवकों सहित ग्रामीण एसपी राजुकमार लकड़ा, डीएसपी प्रमोद केसरी, इंस्पेक्टर बंधन बाखला, थाना प्रभारी, रामनारायण सिंह, बीडीओ विष्णुदेव कच्छप, सीओ मुमताज अंसारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है.