रांची: सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सह पर्यावरणविद् एनसी मेहता ने कहा है कि देश की कई सरकारें पर्यावरण संबंधी दी गयी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करती. कई ऑर्डर धरे का धरे रह जाते हैं. जब तक कोर्ट कड़ा रुख नहीं अपनाता है, तब तक ऐसा होता है.
वह शुक्रवार को युगांतर भारती की स्मारिका पर्यावरण पहल का एक दशक का विमोचन के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हमने गंगा को भी नहीं छोड़ा है. पर्यावरण नहीं बचाया, तो हम विनाश की ओर चले जायेंगे. उन्होंने कहा कि विकसित देश गलती करते हैं, तो उससे सीख भी लेते हैं. हमारे देश में ऐसा नहीं है.
हिमालय त्रसदी इसी का एक उदाहरण है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के पूर्व अध्यक्ष एके मिश्र ने कहा कि पर्यावरण के प्रहरी के रूप में काम करने की जरूरत है. विकास और पर्यावरण के बीच सामंजस्य कैसे हो इसका ख्याल रखा जाना चाहिए. स्वागत युगांतर भारती की अध्यक्ष मधु ने किया. मौके पर बिनोवा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एमपी सिंह, एसएल जागेश्वर, एसएन पाठक ने भी विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन एके नारायण ने किया. संचालन संस्थान के सचिव शीतल ने किया.