उनके शोध पत्र को विश्व के 172 देशों के जर्नल में शामिल किया गया है. मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ चंदन ने बताया कि अभी तक यही धारणा थी बच्चे व बड़ों में निमोनिया होने पर 90 प्रतिशत की मौत हो जाती है, लेकिन इनहेल्ड एंटीबायोटिक से शत प्रतिशत लोगों को पूरी तरह से स्वस्थ किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शोध के क्षेत्र में युवाओं को बढ़ावा देना चाहिए.
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डॉ चंदन को मिला अवार्ड
रांची. विनायका अस्पताल के चिकत्सक डाॅ चंदन कुमार को इंटरनेशनल जर्नल आॅफ इम्यूनोलाॅजी एंड रेसप्रेट्री मेडिसिन (आइजीआइएमआर)अवार्ड से नवाजा गया है. यह सम्मान उन्हें निमोनिया में शोध करने पर दिल्ली में दिया गया. उनके शोध पत्र को विश्व के 172 देशों के जर्नल में शामिल किया गया है. मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए […]
रांची. विनायका अस्पताल के चिकत्सक डाॅ चंदन कुमार को इंटरनेशनल जर्नल आॅफ इम्यूनोलाॅजी एंड रेसप्रेट्री मेडिसिन (आइजीआइएमआर)अवार्ड से नवाजा गया है. यह सम्मान उन्हें निमोनिया में शोध करने पर दिल्ली में दिया गया.
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