बड़कागांव: हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत चिरुडीह में पुलिस ने किस तरह कार्रवाई की, इसकी जानकारी ग्रामीणों ने दी. चिरुडीह एवं डाडीकला के ग्रामीणों ने बताया कि कफन सत्याग्रह आंदोलन के तहत धरनास्थल तिलैयाटांड़ पर विधायक निर्मला देवी समेत महिलाएं और पुरुष कफन ओढ़कर 30 सितंबर की रात सो रहे थे.
इसी बीच अचानक सीओ शैलेश सिंह पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और विधायक निर्मला देवी को ढूंढने लगे. सोयी अवस्था में निर्मला देवी को पुलिस ने उठाया और पुलिस वाहन में बैठने को कहा. विधायक ने इसका विरोध किया. पुलिस ने उनका हाथ पकड़ा और जबरन जीप की ओर खींचने लगे. इसका विरोध अन्य महिलाओं ने भी किया. इसके बाद पुलिस ने लाठी चलाना शुरू कर दिया. इससे कई महिलाएं जख्मी हो गयीं. इसके बाद निर्मला देवी को पुलिस ने जबरन गाड़ी में बैठाया और ले जाने लगे. इसकी जानकारी एक के बाद एक ग्रामीणों को मिलती चली गयी. सुबह करीब 5.00 बजे पुलिस निर्मला देवी को लेकर ग्राम डाडीकला होते हुए जा रही थी, इसी बीच सैकड़ों ग्रामीण सड़क पर बैठ गये.
ग्रामीण एवं किसान पुलिस से विधायक को छोड़ने को कह रहे थे. यहां हंगामा शुरू हो गया. हंगामा देख सीओ शैलेश सिंह ने लाठीचार्ज, आंसू गैस छोड़ने व गोली चलाने का आदेश दे दिया. आदेश मिलते ही पुलिस ने आंसू गैस छोड़ा और फायरिंग की. फायरिंग में 10-12 लोगों को गोली लगी और सभी जख्मी हो गये. सुबह करीब सात बजे जख्मी लोगों को बड़कागांव अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया जाने लगा. हंगामे में कई पुलिस वाले भी घायल हुए, जिसके बाद उन्हें भी बड़कागांव अस्पताल में भरती कराया गया. इस बीच फायरिंग में ग्रामीण अभिषेक कुमार राय की मौत हो चुकी थी. ग्रामीण शव लेकर बड़कागांव मुख्य चौक पहुंचे और रोड जाम कर दिया.
लोगों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर लीं
घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गये. बड़कागांव के लोगों ने गोलीकांड के विरोध में अपनी-अपनी दुकानों को बंद कर दिया. घटना के विरोध में बड़कागांव पूर्णत: बंद रहा. केरेडारी, टंडवा, हजारीबाग, बादम, विश्रामपुर, उरीमारी रोड पर गाड़ियां नहीं चली. मुख्य चौक में जाम करनेवाले ग्रामीण एनटीपीसी एवं पुलिस कर्मियों के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे थे. आक्रोशित ग्रामीण एनटीपीसी के अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, सीओ शैलेश सिंह पर हत्या की मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे. मृतक परिजनों को नौकरी, 10-20 लाख मुआवजा. एनटीपीसी कंपनी को वापस जाने की मांग कर रहे थे.