डॉ विद्रोही ने बताया कि रात लगभग दो बजे ग्रिल में लगे ताले को तोड़ कर लुटेरे घर में घुसे और हॉल में लगे लकड़ी के दरवाजे को तोड़ दिया. इस दौरान आवाज होने से चिकित्सक की नींद खुल गयी और उन्होंने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. हॉल में प्रवेश करने के बाद लुटेरों ने चिकित्सक के कमरे का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान चिकित्सक और उनके परिवार के लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. रातू थाने और 100 नंबर पर पुलिस को भी सूचना दे दी गयी.
घटनास्थल से थाने की दूरी एक किलोमीटर से ज्यादा की नहीं है. पास में ही काठीटांड़ चौक पर भी पीसीआर वैन की तैनाती रहती है, लेकिन पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में आधा घंटा लग गया. डॉ विद्रोही ने घटना की लिखित सूचना रातू थाने को दे दी है. इस इलाके में लंबे समय के बाद अपराधी फिर सक्रिय हुए हैं. लोगों का कहना है रात में पुलिस की गश्त नहीं होने से भी अपराधियों का मनोबल बढ़ा है.