रांची: झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड को बांट कर भले ही चार कंपनियां बना दी गयी है, पर आज भी कंपनियां स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रही है. केवल अधिकारियों के नाम के आगे नेम प्लेट बदल गया है. बिजली बोर्ड के अध्यक्ष एसएन वर्मा का नेम प्लेट अब सीएमडी होल्डिंग कंपनी का हो गया है.
वहीं सदस्य तकनीक बीएस झा की जगह एमडी संचरण कंपनी का नेम प्लेट लग गया है. बाकी सब कुछ पूर्ववत है. पुरानी व्यवस्था के तहत ही सब कुछ चल रहा है.
कंपनियों में एमडी नहीं
बिजली बोर्ड का बंटवारा छह जनवरी 2014 को हुआ था. इस बांट कर चार कंपनियां होल्डिंग, वितरण, संचरण, उत्पादन कंपनियां बनायी गयी थी. सभी कंपनियों में अलग-अलग एमडी को रखने का प्रावधान है. संचरण में एमडी बीएस झा हैं, जबकि होल्डिंग कंपनी के सीएमडी एसएन वर्मा हैं. वितरण कंपनी और उत्पादन कंपनी में अभी तक एमडी की नियुक्ति नहीं हो सकी है.
तात्कालिक व्यवस्था के तहत आइएएस अधिकारी केके सोन को वितरण कंपनी का एमडी बनाया गया था, पर कार्मिक विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी नहीं की, जिसकी वजह से वह प्रभार नहीं ले सके. उत्पादन कंपनी के एमडी ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव आइएफएस अधिकारी विक्रम सिंह गौड़ बनाये गये थे. उनकी सेवा वन विभाग को वापस कर दी गयी, जिसके चलते वह भी प्रभार नहीं ले सके. सूत्रों ने बताया कि इसके बाद एसएन अखौरी व जीएनएस मुंडा को एमडी बनाने की बात चली थी. पर दोनों अधिकारियों पर आरोप की वजह से मुख्य सचिव ने आपत्ति जतायी. इसके बाद यह लंबित हो गया. अब नये एमडी की तलाश जारी है. वितरण में एमडी न होने की वजह से अभी होल्डिंग कंपनी के जरिये ही सारा काम हो रहा है. वितरण क्षेत्र में लगभग एक हजार करोड़ से रांची व जमशेदपुर शहर में विद्युत सुदृढ़ीकरण का काम किया जाना है. इसके तहत अंडरग्राउंड केबलिंग, ट्रांसफारमर व तार बदलने का काम होगा.
सरकार के आदेश का है इंतजार
ऊर्जा विभाग के सूत्रों ने बताया कि सरकार की ओर से अभी तक किसी की नियुक्ति की अनुशंसा नहीं हुई है. जिसके चलते अबतक नियुक्ति नहीं हो सकी है. जैसे ही किसी की अनुशंसा प्राप्त होगी, नियुक्ति की संचिका आगे बढ़ा दी जायेगी.