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नहीं रहे उदय शंकर अोझा

रांची : सामाजिक, धार्मिक और जनहित के मुद्दों पर संघर्ष करनेवाले मजदूर नेता व सामाजिक कार्यकर्ता उदय शंकर अोझा (52) नहीं रहे. दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे मेडिका अस्पताल में उनका निधन हो गया. उनके परिवार में पत्नी इंदिरा देवी, दो बेटा दीपक व गौतम हर्ष और चार बेटियां हैं. […]

रांची : सामाजिक, धार्मिक और जनहित के मुद्दों पर संघर्ष करनेवाले मजदूर नेता व सामाजिक कार्यकर्ता उदय शंकर अोझा (52) नहीं रहे. दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे मेडिका अस्पताल में उनका निधन हो गया. उनके परिवार में पत्नी इंदिरा देवी, दो बेटा दीपक व गौतम हर्ष और चार बेटियां हैं. उनके निधन की खबर फैलते ही पूरी रांची में शोक की लहर दौड़ गयी. मेडिका अस्पताल के बाहर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. रातू रोड के बासुदेव अोझा मार्ग स्थित आवास पर भी बड़ी संख्या में लोग देर रात तक मौजूद थे. उदय शंकर ओझा का बेटा दीपक पुणे में रहता है. उसके आने के बाद अंतिम संस्कार होगा. दिन के दो बजे रातू रोड स्थित आवास से अंतिम यात्रा निकलेगी.
एंजियोप्लास्टी भी की गयी : जानकारी के अनुसार, उदय शंकर अोझा सुबह रातू रोड स्थित बिरला मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गये थे. दिन के लगभग 11.30 बजे सत्तू पिया. इसके बाद उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की़ उन्होंने अपने भाई को इसकी जानकारी दी. इसके बाद उन्हें रातू रोड स्थित डॉ शेखर सिन्हा के क्लिनिक में लाया गया. डॉक्टर को दिखाने के क्रम में उन्होंने उलटी की. इसके बाद उन्हें मेडिका अस्पताल रेफर कर दिया गया. उदय शंकर ओझा को बॉडीगार्ड के साथ मेडिका अस्पताल ले जाया गया. वहां उनका इलाज हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ दीपक गुप्ता की देखरेख में शुरू कर दिया गया. कॉर्डियोलॉजी विभाग के आइसीयू में भरती कराया गया. जांच के बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गयी. इसके बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका. शाम करीब पांच बजे उनकी स्थित बिगड़ गयी. इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया़ पर देर शाम करीब 7.30 बजे उनकी मौत हो गयी़. बाद में पार्थिव शरीर एंबुलेंस से रातू रोड के बासुदेव अोझा मार्ग स्थिति आवास ले जाया गया.
हर दल व संगठन के लोग पहुंचे
उदय शंकर ओझा की मौत की खबर सुन कर सैकड़ों की संख्या में लोग रात को ही मेडिका अस्पताल पहुंचे. सामाजिक, धार्मिक, व्यावसायिक संगठनों के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता मेडिका अस्पताल पहुंचे. भाजपा, कांग्रेस, आजसू, जेवीएम सहित सभी दलों के कार्यकर्ता व सदस्य उनका अंतिम दर्शन करने के लिए अस्पताल पहुंचे थे. सांसद रामटहल चौधरी, विधायक डॉ जीतू चरण राम, संजय सेठ, यदुनाथ पांडेय, गामा सिंह, सुप्रियो भट्टाचार्य, चेंबर अध्यक्ष पवन शर्मा, मुनचुन राय, प्रतुल शाहदेव ने भी अस्पताल पहुंच कर डॉक्टरों से जानकारी ली.
सीवियर हार्ट अटैक से हुई मौत
उदय शंकर ओझा डायबिटीज के भी मरीज थे. उनकी मौत का मुख्य वजह मल्टीपल ब्लाकेज बना. इलाज कर रहे चिकित्सक डाॅ दीपक गुप्ता ने बताया कि हार्ट अटैक के कारण उनका हार्ट 25 प्रतिशत ही काम कर रहा था. एक आर्टरी में 100 प्रतिशत ब्लाकेज और दूसरी आर्टरी में 80 प्रतिशत ब्लॉकेज था. दोनों आर्टरी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी थी. एक आर्टरी में एंजियोप्लास्टी कर स्टेंट लगाया गया, लेकिन अचानक उनकी स्थिति बिगड़ गयी. शाम पांच बजे उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया. पर उन्हें नहीं बचाया जा सका.

हार्ट अटैक से उदय शंकर ओझा का निधन, बिलख रही बेटियों ने कहा हमें छोड़ कर मत जाइये पापा…
पापा आप हमें छोड़ कर मत जाइये, अब हम किसको पापा कहेंगे. हम आपको जाने नहीं देंगे. यह आवाज सुन कर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गयीं़ जैसे ही उदय शंकर ओझा का शव उनके आवास पर लाया गया, उनकी चारों बेटियां उनके पार्थिव शरीर से लिपट कर रोने लगीं़ उनकी पत्नी का भी रो-रो कर बुरा हाल था़ वहां मौजूद लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे़ मजदूर नेता धुरी राय भी दहाड़ मार कर रो रहे थे. वह बार-बार कह रहे थे हम लोगों की शक्ति खत्म हो गयी. अब हम लोगों की आवाज कौन उठायेगा.
इससे पहले पिस्का मोड़ स्थित बासुदेव ओझा मार्ग के लोगों को मंगलवार की रात आठ बजे जैसे ही कांग्रेस नेता उदय शंकर ओझा के निधन की खबर मिली, वैसे ही पूरा इलाका शोक में डूब गया. लोगों को यह एहसास ही नहीं हो रहा था कि उनके बीच के व्यक्ति का निधन हो गया है. जैसे-जैसे उनके बीमार होने से लेकर निधन की खबर मिली, वैसे-वैसे पिस्का मोड़, रातू रोड सहित अन्य संबंधित इलाके के लोग अपनी-अपनी दुकानें बंद कर अस्पताल पहुंचने लगे.
मेडिका अस्पताल से जैसे ही उनका पार्थिव शरीर बाहर निकाला गया, वैसे ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. रात 9.15 बजे पार्थिव शरीर को उनके आवास पर लाया गया. पार्थिव शरीर के पहुंचते ही परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे. पत्नी इंद्रा देवी, चारों बेटी पूजा, कृतिका, रिया व नंदनी के अलावा छोटा पुत्र गौतम हर्ष, भाई ललित ओझा, राजू ओझा व डब्लू ओझा सहित पूरे इलाके के लोगों की आंखें नम थीं.
कुर्ता-पायजामा थी खास पहचान : कुर्ता-पायजामा उदय शंकर ओझा की खास पहचान थी. वे सालों भर इसी पोशाक में रहते थे. इस कारण आम लोगों के बीच उनकी छवि काफी पसंद की जाती थी. वे सभी समुदाय के पर्व-त्योहार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे.
बहन भी पहुंची मेडिका अस्पताल : उदय शंकर ओझा की मौत की सूचना पाकर उनकी बहन भी मेडिका अस्पताल पहुंची. वह आइसीयू में जाना चाहती थी, लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया. परिवार के सदस्य उन्हें समझाने में लगे थे, लेकिन वह बार-बार आइसीयू में जाने की बात कह रही थी. काफी समझाने के बाद वह मानी.
नशापान के विरोधी थे : उदय शंकर अोझा अलग व्यक्तित्व के धनी थे. पार्टी में उनकी पहचान अलग थी. वे अपने जीवन में हमेशा नशापान से दूर रहे. नशापान का विरोध भी किया करते थे. कभी अपशब्द भी नहीं बोलते थे. हमेशा कुरता-पायजामा में नजर आनेवाले उदय शंकर अोझा की भीड़ में अलग पहचान थी.
शोक जताया : श्री शिव बारात आयोजन समिति ने उदय शंकर ओझा के निधन पर शोक जताया है. अध्यक्ष राजेश कु साहू ने कहा कि वह समिति के संयोजक पद रहते हुए बेहतर कार्य के लिए मार्गदर्शन देते रहते थे. उनका स्थान कोई नहीं ले सकता है.
आज उनके आवास से निकलेगी अंतिम यात्रा
रांची. उदय शंकर ओझा की अंतिम यात्रा बुधवार को दिन के दो बजे पिस्कामोड़, वासुदेव ओझा मार्ग से निकलेगी. जो पिस्कामोड़ चौक, रातू रोड, हरमू रोड होते हुए हरमू मुक्तिधाम जायेगी. जहां उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. परिजनों के अनुसार, उनके बड़े पुत्र दीपक का इंतजार किया जा रहा है. वे पुणे में एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं.
आज पंडरा व अपर बाजार की थोक दुकानें बंद रहेंगी
रांची़ उदय शंकर ओझा के निधन पर रांची चेंबर ने बुधवार को पंडरा बाजार और अपर बाजार की थोक दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है. रांची चेंबर के अध्यक्ष शंभु गुप्ता ने कहा कि रांची चेंबर से जुड़ी थोक दुकानें बुधवार को बंद रहेंगी. श्री गुप्ता ने उदय शंकर ओझा के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वे हमेशा मजदूरों के हित में सोचते थे. वे किसी भी कार्य में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे.
उदय शंकर ओझा की पार्टी में थी अलग पहचान
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उदय शंकर ओझा कांग्रेस में शामिल हुए थे़ कांग्रेस में आने के बाद उन्होंने तेजी से पार्टी में जगह बनायी़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उन्हें हाल में प्रदेश स्तरीय नेताओं की कोऑर्डिनेशन कमेटी में रखा था़ वे पार्टी के अंदर भी मुखर रहे़ पूरी प्रखरता के साथ राजनीति की़ प्रदेश कांग्रेस के कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे. पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें जवाबदेही दी़ लोहरदगा उपचुनाव में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी़ सामाजिक सरोकार के कारण उनका पार्टी के अंदर महत्वपूर्ण स्थान था़ पार्टी के अंदर सुबोधकांत सहाय हों या फिर सुखदेव भगत, वे सबके नजदीक रहे़ राजनीति में एक खास वर्ग में इनकी पकड़ थी़ धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने के कारण पूरे शहर में उनकी पहचान थी. इसका लाभ पार्टी को भी समय-समय पर मिलता रहा़ पार्टी की रैलियों और सभाओं में वह अपने समर्थकों के साथ पहुंचते थे़ मजदूर वर्ग में भी उनकी खास पकड़ थी़ उनके कार्यक्रम में मजदूरों की भीड़ दिखती थी़
सुखदेव व सुबोध ने जताया दुख
उदय शंकर ओझा के निधन पर पूरा कांग्रेस परिवार मर्माहत है़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि पार्टी ने एक कर्मठ सिपाही खो दिया. वह एक मजबूत संगठनकर्ता थे़ पार्टी के लिए हमेशा समर्पित रहे़ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि उदय शंकर ओझा के निधन से मुझे व्यक्तिगत नुकसान है़ उन्होंने लंबे समय तक राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम किया़ समाज में उनकी पहचान थी़ इनके निधन के बाद एक शून्य पैदा हो गया है़ वह एक जुझारू व कर्मठ राजनीतिक-सामाजिक योद्धा थे़ वहीं सांसद प्रदीप बलमुचु, शशिभूषण राय, धीरज साहू, अनादि ब्रह्म, प्रदीप तुलस्यान, आभा सिन्हा, शमशेर आलम, राजीव रंजन प्रसाद, राजेश ठाकुर, आलोक कुमार दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, मदन मोहन शर्मा, डॉ राजेश गुप्ता छोटू, संजय पांडेय, ज्योति सिंह मथारू, प्रो विनोद सिंह, जगदीश साहू, राकेश सिन्हा, राजेश सन्नी आदि ने भी शोक जताया.

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