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रिम्स तो बेहतर है, फिर भी निजी अस्पतालों में क्यों जाते हैं मरीज?

रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू तय समय से पांच मिनट पहले ही (सुबह 8:55 बजे) रिम्स पहुंच गयी थीं. उन्होंने रिम्स के विभिन्न वार्डों की व्यवस्था का निरीक्षण किया. सबसे पहले वे रिम्स के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) गयीं. स्पेशल केयर यूनिट में उन्होंने देखा कि किस तरह बच्चों का इलाज किया जाता है? शिशु […]

रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू तय समय से पांच मिनट पहले ही (सुबह 8:55 बजे) रिम्स पहुंच गयी थीं. उन्होंने रिम्स के विभिन्न वार्डों की व्यवस्था का निरीक्षण किया. सबसे पहले वे रिम्स के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) गयीं. स्पेशल केयर यूनिट में उन्होंने देखा कि किस तरह बच्चों का इलाज किया जाता है? शिशु विभाग जाने से पहले राज्यपाल ने मास्क पहन कर मेडिकल एथिक्स का पालन किया. विभागाध्यक्ष डाॅ एसके चौधरी ने बताया कि नवजात बच्चों को वार्मर में रख कर इलाज किया जाता है.

निरीक्षण के दौरान राज्यपाल के साथ कांके विधायक डॉ जीतू चरण राम, निदेशक डॉ बीएल शेरवाल, अधीक्षक डॉ एसके चौधरी, डॉ आरके श्रीवास्तव सहित कई विभागाध्यक्ष भी मौजूद थे.

क्या पुरुलिया में इलाज नहीं होता है? : शिशु वार्ड में भरती पुरुलिया के पांच माह के बच्चे से मुलाकात की. परिजन से पूछा कि तुम्हारे पुरुलिया में इलाज नहीं होता है. चिकित्सक डॉ कमल नारायण ने बताया कि वहां से काफी मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. बगल के बेड पर भरती मधुकम निवासी रंजीत से राज्यपाल ने पूछा अब तुम्हारा पेट दर्द ठीक है? इंजेक्शन से डर तो नहीं लगता है. राज्यपाल ने शिशु वार्ड में भरती मरीजों को फल भी बांटे.
राज्यपाल ने जाना कैसे लगता है पेस मेकर : राज्यपाल ने कार्डियोलॉजी विभाग के कैथलैब का भी दौरान किया. यहां उन्होंने हृदय रोगियों को पेसमेकर लगाने की प्रकिया, एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के बारे में जानकारी ली. पहले के मरीजों के सीडी को दिखा कर उन्हें पूरी तरह जानकारी दी गयी. इससे पूर्व आइसीयू में भरती मरीजों से राज्यपाल ने मुलाकात की. विभागाध्यक्ष डॉ हेमंत नारायण राय व डॉ प्रकाश कुमार ने राज्यपाल को बताया कि कैसे-कैसे हृदय के मरीज अस्पताल में भरती हैं. 11 साल के किशन को कार्डियोलॉजी में भरती देख कर राज्यपाल अचंभित हो गयीं. डॉ प्रकाश ने बताया कि बच्चे को जन्मजात हृदय की बीमारी है. इससे उसके पैर में दर्द रहता है. बेहतर इलाज के लिए भरती किया गया है.
पूरे अस्पताल में मार्बल लगवायें : रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने बताया कि राज्यपाल रिम्स की व्यवस्था से काफी प्रभावित थीं. उन्हें बताया गया कि मरीजों की संख्या क्षमता से अधिक हो जाती है, इसलिए फ्लोर पर मरीजों को भरती कर इलाज करना पड़ता है. राज्यपाल ने कहा कि आप मार्बल लगा दे, जिससे मरीजों को फर्श भी मरीज राहत महसूस करें.
काश! ऐसी ही व्यवस्था रोजाना होती रिम्स में
राज्यपाल द्रौपदी मुरमू के भ्रमण को लेकर रिम्स की फिजा बदली थी. चिकित्सक से लेकर कर्मचारी ऊर्जावान दिख रहे थे. अस्पताल परिसर में सफाई चकाचक थी. मरीजों को नयी-नयी चादरें अौर नये कंबल दिये गये थे. वार्ड में कही भी गंदगी नहीं दिख रही थी. जगह-जगह पर कर्मचारी मरीजों को सहायता करते दिखे. फर्श पर मरीजों से पटा हड्डी विभाग भी पूरी तरह व्यवस्थित दिखा. व्यवस्था को देख कर लोगों में यही चर्चा थी कि काश ऐसी रोज व्यवस्था होती. एक व्यक्ति ने कह दिया कि राज्यपाल महोदय को तो हर-तीन माह में भ्रमण करना चाहिए, जिससे कुछ तो सुधार होगा.

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