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क्या तुम यहां भीग रहे हो, रुक जाओ, लेकिन उसने नहीं माना…
रांची : धरोहरी देवी बार-बार दहाड़ मार-मार कर रो रही थी. महिलाएं उन्हें ढाढ़स बंधा रही थी. कह रही थी जानेवाले को कौन रोक सकता है. भगवान की यही इच्छा थी. धरोहरी देवी महिलाओं से बार-बार कह रही थी कि कई बार संजू यादव को जाने से रोका. कहा था कि यहां पानी में भीग […]
रांची : धरोहरी देवी बार-बार दहाड़ मार-मार कर रो रही थी. महिलाएं उन्हें ढाढ़स बंधा रही थी. कह रही थी जानेवाले को कौन रोक सकता है. भगवान की यही इच्छा थी. धरोहरी देवी महिलाओं से बार-बार कह रही थी कि कई बार संजू यादव को जाने से रोका. कहा था कि यहां पानी में भीग रहे हो, जो जाने की इतनी जिद कर रहा है. आज रह जाओ कल चले जाना.
यह भी कहा कि जब हम तुम्हारे पास आयेंगे, तो तुम जितना दिन कहोगे रुकेंगे. लेकिन वह नहीं माना और चुपके से धुर्वा बस जाकर टिकट ले आया. केबिन में टिकट मिला था. संजू यादव (30 वर्ष) रायपुर से अपने चाचा-चाची से मिलने रांची आया था. मालूम हो कि रविवार की देर रात 1.00 बजे चौपारण के शिमला होटल के पास रांची से सीवान जा रही बस जेएच01 एएस 9974 ने खड़ी ट्रक में टक्कर मार दी थी, जिसमें पांच लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी. मरनेवालों में तीन डैम साइड धुर्वा के रहनेवाले थे.
वहीं डीटी 2722 के रहनेवाले विश्वकर्मा की शाली पार्वती देवी (50 वर्ष) और उनकी बेटी श्वेता कुमारी (20) जो गांव से आयी थी, उनकी मृत्यु भी बस दुर्घटना में हो गयी. घटना की सूचना मिलते ही डीटी 2722 आवास के पास लोगों की भीड़ जुट गयी. विश्वकर्मा के पुत्र हिमांशु ने बताया कि बस के खलासी ने दुर्घटना की सूचना दी. मौसी और बहन वर्षों बाद उनके यहां आये थे. दोनों ने शाम को धुर्वा बस स्टैंड से बस पकड़ी थी. सीट नहीं होने के कारण मौसी व उनकी बेटी को केबिन में जगह मिली था. सूचना के बाद घर के सभी सदस्य हजारीबाग के लिए रवाना हुए.
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