रांची : झारखंड के विभिन्न जिलों में पदस्थापित पारा शिक्षकों का एक गुटशनिवार 17 सितंबर से बेमियादी हड़ताल पर चले गये है. हड़ताल पारा शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के पद पर समायोजन होने तक जारी रहेगी. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गयाऔर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के मौके पर संघ के शीर्ष नेताओं के द्वारा प्रधानमंत्री बधाई देते हुए खून से पारा शिक्षकों की आप बीती बताने की बात भी तय गयी.
साथ ही यह भी तय हुआ कि आंदोलन की इस कड़ी में शिक्षक 19 और 20 सितंबर को मोटरसाइकिल पर काला झंडा लगाकर क्षेत्र भ्रमण करेंगे तथा आम जनता को सरकार की शिक्षक विरोधी नीति से अवगत करायेंगे. इधर, पारा शिक्षकों की हड़ताल की धमकी से पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है. राज्य में लगभग 72,000 हजार पारा शिक्षक कार्यरत हैं.
महासंघ का आरोप है कि देश के कई राज्यों ने पारा शिक्षकों को टेट से छूट देते हुए बिना किसी परीक्षा के सरकारी शिक्षकों के पदों पर समायोजित किया है, परंतु झारखंड सरकार इस मसले पर मौन है. सरकार की इस संवेदनहीनता के खिलाफ पारा शिक्षकों ने शिक्षक दिवस के मौके पर जिला मुख्यालयों पर भिक्षाटन तक किया था, परंतु सरकार की नींद नहीं टूटी. ऐसे भी शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कार्यरत शिक्षकों को टेट से मुक्त रखने का प्रावधान है, जिसे भी सरकार मानने से इनकार कर रही है.
महासंघ के संरक्षक विक्रांत ज्योति, प्रदेश अध्यक्ष संजय दुबे तथा महामंत्री सिंटू सिंह ने संयुक्त रूप सेकहा कि और तो और सरकार ने 26 अगस्त 2015 को हुए समझौते को भी अभी तक लागू नहीं किया है. इसके तहत मानदेय में 25 फीसद की वृद्धि तथा इपीएफ को प्रभावी बनाए जाने की बात थी. उन्होंने जोर दिया कि अगर सरकार कार्यरत पारा शिक्षकों के समायोजन की नीति नहीं बनाती है तो आंदोलन का स्वरूप क्रमिक रूप से उग्र होता जाएगा.
दूसरे गुट की बैठक आज
आज रविवार को झारखंड पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनोद तिवारी तथा अन्य लोगो का बैठक हुसैनाबाद में होने जा रही है. जिसमे समायोजन के मांगों के लेकर चर्चा की जायेगी.