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मुख्यमंत्री को क्यों दी 118 किमी सड़क?

रांची: जेवीएम विधायकों ने सोमवार को एफएफपी बिल्डिंग स्थित सचिवालय में ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव के कक्ष के बाहर धरना दिया. चारों विधायक प्रदीप यादव, फूलचंद मंडल, सत्येंद्र तिवारी, हरिश्चंद्र महथा कक्ष के बाहर जमीन पर बैठ गये. सवा दो घंटे तक उनका धरना चला. इस दौरान प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य […]

रांची: जेवीएम विधायकों ने सोमवार को एफएफपी बिल्डिंग स्थित सचिवालय में ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव के कक्ष के बाहर धरना दिया. चारों विधायक प्रदीप यादव, फूलचंद मंडल, सत्येंद्र तिवारी, हरिश्चंद्र महथा कक्ष के बाहर जमीन पर बैठ गये. सवा दो घंटे तक उनका धरना चला.

इस दौरान प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य संपोषित योजना का आधा बजट करीब 52 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के क्षेत्र में दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में मात्र 100 करोड़ रुपये विभाग के पास बचता है. शेष राशि लायबिलिटी में जायेगी. उन्होंने कहा कि 118 किमी सड़क मसलिया व दुमका में दिया गया है, जो गलत है. इसमें समरूपता होनी चाहिए. हर विधायक को बराबर सड़क मिलनी चाहिए. विधायकों ने कहा कि सीएम के क्षेत्र में इतनी योजना देने के विषय पर प्रधान सचिव का जवाब संतोषप्रद नहीं है. समस्या का हल नहीं हुआ, तो बजट सत्र को चलने नहीं दिया जायेगा.

बाद में प्रधान सचिव एसके सत्पथी अपना दफ्तर पहुंचे. उन्होंने विधायकों के साथ वार्ता की. इस दौरान विधायकों ने अपनी आपत्ति दर्ज करायी. प्रधान सचिव ने कहा कि वह यह प्रयास कर रहे हैं कि सारे विधायकों के क्षेत्र में सड़क मिले. इसमें समरूपता हो. इसके लिए मापदंड भी तय किये गये हैं. इसके अनुसार काम हो रहा है.

फोर्स देखती रही विधायक घुस गये
धरना को देखते हुए पहले से ही एफएफपी बिल्डिंग के गेट में सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया था, लेकिन सुरक्षाकर्मी देखते रह गये और विधायक अंदर घुस गये. पहली बार सचिवालय के अंदर धरना का कार्यक्रम किया गया.

कुछ गलत नहीं हुआ : सत्पथी
प्रधान सचिव श्री सत्पथी ने कहा कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है. उन्होंने वार्ता के क्रम में विधायकों से कहा कि यह तय है कि विधायकों की अनुशंसा पर हर प्रखंड में पांच किमी सड़क दी जायेगी. यह आवश्यक कर दिया गया है. अगर इससे कम किसी को मिला है, तो जवाबदेही विभाग की होगी. किसी को ज्यादा मिला है, तो इसमें कोई बंदिश नहीं की गयी है.

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