महारैली के दौरान पूरी राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त रही. हजारों गाड़ियां जाम फंसी रहीं, जिसमें स्कूल बसें भी शामिल थीं. जाम में फंसी गाड़ियां सरकती रहीं. रैली में शामिल होने के बाद जब लोग करीब तीन बजे निकलने लगे. तब फिर से विभिन्न इन सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हुई. इससे तीन बजे से लेकर शाम छह बजे तक विभिन्न मार्गों पर जाम लगा रहा. ट्रैफिक पुलिस ने आनन-फानन में रूट डायवर्ट कर लोगों को जाम से निजात दिलाने की कोशिश की, लेकिन इससे लोगों को राहत नहीं मिली. पुलिस के पास रैली की सूचना पहले से थी, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ के रांची पहुंचने की उम्मीद नहीं थी. यही कारण है कि पुलिस के स्तर से जाम से निबटने के लिए बहुत ज्यादा तैयारी नहीं की गयी थी. इस वजह से जाम के कारण पूरे राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो गयी थी.
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जाम थी सड़कें, थम गया शहर
नयी स्थानीय नीति और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध करने गुरुवार को राज्यभर से आदिवासी राजधानी में जुटे थे. अचानक शहर की सड़कों पर इतनी भीड़ आ जाने से पूरा शहर अस्त-व्यस्त हो गया. शहर की लगभग सभी प्रमुख सड़कें जाम हो गयी थीं. वाहन सरकते रहे. लगभग तीन से चार घंटे तक राजधानी […]
नयी स्थानीय नीति और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध करने गुरुवार को राज्यभर से आदिवासी राजधानी में जुटे थे. अचानक शहर की सड़कों पर इतनी भीड़ आ जाने से पूरा शहर अस्त-व्यस्त हो गया. शहर की लगभग सभी प्रमुख सड़कें जाम हो गयी थीं. वाहन सरकते रहे. लगभग तीन से चार घंटे तक राजधानी में यह स्थिति बनी रही.
रांची : अादिवासी बुद्धिजीवी मंच की रैली के कारण गुरुवार को पूरा शहर दिन के 11 बजे से दोपहर दो बजे तक जाम रहा. जिन प्रमुख मार्गाें पर जाम लगा हुआ था, उनमें बिरसा चौक-हरमू बाइपास लेकर रातू रोड मैन रोड, इटकी रोड से लेकर रातू रोड, हिनू से लेकर अलबर्ट एक्का चौक, अलबर्ट एक्का चौक से एसएसपी आवास तक की सड़कें शामिल हैं.
महारैली के दौरान पूरी राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त रही. हजारों गाड़ियां जाम फंसी रहीं, जिसमें स्कूल बसें भी शामिल थीं. जाम में फंसी गाड़ियां सरकती रहीं. रैली में शामिल होने के बाद जब लोग करीब तीन बजे निकलने लगे. तब फिर से विभिन्न इन सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हुई. इससे तीन बजे से लेकर शाम छह बजे तक विभिन्न मार्गों पर जाम लगा रहा. ट्रैफिक पुलिस ने आनन-फानन में रूट डायवर्ट कर लोगों को जाम से निजात दिलाने की कोशिश की, लेकिन इससे लोगों को राहत नहीं मिली. पुलिस के पास रैली की सूचना पहले से थी, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ के रांची पहुंचने की उम्मीद नहीं थी. यही कारण है कि पुलिस के स्तर से जाम से निबटने के लिए बहुत ज्यादा तैयारी नहीं की गयी थी. इस वजह से जाम के कारण पूरे राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो गयी थी.
खुद किनारे लगा ली अपनी गाड़ियां
रैली में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को देख कर वाहन चालकों ने विभिन्न स्थानों पर गाड़ियों को रोक कर खुद को किनारे कर लिया. खूंटी, तोरपा और चाईबासा की ओर से आने वाले लोग बिरसा चौक पर रुक गये थे. वहां से वे पैदल मोरहाबादी मैदान आ रहे थे. रैली में आये लोग सड़क के एक तरफ के हिस्से पर चल रहे थे. इस कारण दूसरे हिस्से में दोनों तरफ की गाड़ियां आ गयीं. इस कारण गाड़ियों की गति रुक गयी. सुबह के करीब 11़: 00 बजे बड़ी संख्या में लोग बिरसा चौक से मोरहाबादी मैदान के लिए निकले. वे हिनू, राजेंद्र चौक, ओवरब्रिज, मेन रोड, कचहरी रोड, रेडियम रोड होते हुए मोरहाबादी पहुंचे. जब लोगों की लाइन ओवरब्रिज पर पहुंची, तब पुलिस ने मेन रोड की तरफ से जाने वाले वाहनों को कडरू की तरफ मोड़ कर हालात को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन इसका असर यह हुआ कि दो-चार मिनट बाद ही कडरू पुल भी पूरी तरह जाम हो गया.
भीड़ ने ई-रिक्शा और स्कूटी को उठा कर किनारे कर दिया
रैली में शामिल लोग लाठी-डंटे से लैस थे. मेन रोड में भीड़ के सामने एक ई-रिक्शा व स्कूटी आ गया, तो उसे भीड़ में शामिल युवकों ने उसे उठा कर किनारे रख दिया. रैली में शामिल कुछ उत्साही युवक तोड़-फोड़ की फिराक में थे, लेकिन रैली में आये बुद्धिजीवी लोगों ने उन्हें रोक दिया. इस वजह से कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. सुरक्षा की दृष्टि से कोतवाली डीएसपी बहामन टूटी, इंस्पेक्टर विजय सिंह, लोअर बाजार थाना प्रभारी लोगों पर नजर रखे हुए थे. ट्रैफिक पुलिस के जवान भी मेन रोड में यातायात को संभालने में लगे हुए थे.
कई स्कूल बसें भी जाम में फंसीं रहीं
वाहनों को कडरू पुल की ओर डायवर्ट कर देने से डोरंडा की आेर से आने वाले कई स्कूल बस भी जाम में फंस गये थे. जाम के कारण बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बस स्टॉप पर खड़े उनके अभिभावक भी परेशान रहे. अभिभावक जब चालक व खलासी को फोन किया, तो उन्हें बताया गया कि कडरू में जाम में फंसे हुए हैं. किसी प्रकार कुछ अभिभावक कडरू पुल पर पहुंचे और अपने-अपने बच्चों को स्कूल बस से उतार कर पैदल ही लेकर घर पहुंचे. जिन अभिभावकों के पास कोई साधन नहीं था, वे लोग स्टॉपेज पर ही इंतजार करते रहे. बाद में ट्रैफिक डीएसपी राधा प्रेम किशोर, दिलीप खलखाे और अन्य ट्रैफिक पुलिस व आम लोगों की मशक्कत से किसी प्रकार स्कूल बसों को जाम से निकाला गया. उसके बाद कडरू से डोरंडा की तरफ आनेवाले वाहन को रोक कर डोरंडा से कडरू की ओर जानेवाले वाहन को जाम से निकाला गया. तब जाकर कडरू पुल जाम से मुक्त हो सका.
शहर के जाम हाेने की सूचना पर क्राइम मीटिंग कैंसिल
एक पुलिस अफसर के अनुसार सिटी एसपी किशोर कौशल ने 11 बजे से क्राइम मीटिंग रखी थी, लेकिन रैली में भीड़ व हरवे हथियार से लैस कार्यकर्ताओं के हुजूम आने की सूचना पर क्राइम मीटिंग कैंसिल कर दी गयी. सभी थाना प्रभारी को अपने-अपने इलाके में सर्तक रहने को कहा गया. सिटी एसपी ने सभी डीएसपी, थाना प्रभारी व इंस्पेक्टर को सुरक्षा के मद्दे नजर भीड़ को संभालने लिए रोड पर रहने का आदेश दिया़ जैप से अतिरिक्त जवानों को मंगाया गया. इसके बाद जवानों की तैनाती विभिन्न स्थानों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए की गयी.
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