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80 प्रतिशत स्वास्थ्य उपकेंद्रों में बिजली, 60 प्रतिशत में पानी नहीं

रांची: राज्य भर में कुल 3957 स्वास्थ्य उप केंद्र (एचएससी) हैं. स्वास्थ्य विभाग के आरसीएच कैंपस, नामकुम के आंकड़े के अनुसार इनमें से करीब 3100 (80 फीसदी) में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. वहीं, करीब 2300 (60 फीसदी) उप केंद्रों में पानी की अपनी कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है. वहीं 25 फीसदी उप केंद्रों […]

रांची: राज्य भर में कुल 3957 स्वास्थ्य उप केंद्र (एचएससी) हैं. स्वास्थ्य विभाग के आरसीएच कैंपस, नामकुम के आंकड़े के अनुसार इनमें से करीब 3100 (80 फीसदी) में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. वहीं, करीब 2300 (60 फीसदी) उप केंद्रों में पानी की अपनी कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है. वहीं 25 फीसदी उप केंद्रों तक जाने के लिए पक्की सड़क भी नहीं है. इन मूलभूत सुविधाअों के अलावा इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आइपीएचएस) के तहत चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भी फील्ड में भारी कमी है. ऐसे में दूरदराज इलाके में ग्रामीणों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाअों का अंदाजा लगाया जा सकता है.
मूलभूत सुविधाअों की कमी अकेले स्वास्थ्य उप केंद्रों में ही नहीं है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में भी यही स्थिति है. राज्य भर में कुल 327 पीएचसी हैं. सरकार खुद मानती है कि इनमें से 15 फीसदी में पानी तथा 13 फीसदी में बिजली नहीं है. वहीं 15 फीसदी पीएचसी तक जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है. उधर कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की अलग समस्या है. राज्य में कुल 188 सीएचसी हैं.

हर सीएचसी में एक-एक सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ तथा फिजिशियन होने चाहिए. पर सिर्फ नौ फीसदी सीएचसी में ही विशेषज्ञ चिकित्सक हैं. वहीं करीब 10 फीसदी सीएचसी का लैब कार्यरत नहीं है तथा सिर्फ 22 फीसदी में ही आयुष दवाअों की आपूर्ति या उपलब्धता है. इस पूरी अव्यवस्था के साथ यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य में अब तक नये बने तीन ट्रामा सेंटर तथा हैंडअोवर हो चुके 40 सीएचसी, 52 पीएचसी व 511 एचएससी यानी कुल 603 स्वास्थ्य केंद्र संचालित नहीं हैं.

स्वास्थ्य कमिर्यों की स्थिति
स्वा.कर्मी जरूरत कार्यरत
महिला स्वा.कर्मी 4284 7170
एचएससी में पुरुष स्वा कर्मी 3957 386
पीएचसी में महिला कर्मी (एलएचवी) 327 16
पीएचसी में पुरुष सहायक 327 27
पीएचसी में चिकित्सक 327 372
सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सक 752 128
पीएचसी व सीएचसी में फार्मासिस्ट 515 305
पीएचसी व सीएचसी में लैब टेक्निशियंस 515 301
पीएचसी व सीएचसी में नर्सिंग स्टाफ 1643 1230
स्वास्थ्य की आधारभूत संरचना व कमी
स्वा. केंद्र/अस्पताल होने चाहिए जितने हैं कमी
एचएससी 6060 3957 2103 (35%)
पीएचसी 966 327 639 (66 %)
सीएचसी 241 188 53 (22 %)
सब डिविजनल अस्पताल 10
जिला अस्पताल 24 24 0
नोट : उपरोक्त के अलावा स्वास्थ्य विभाग गैर सरकारी संस्थाअों के माध्यम से राज्य भर में 101 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) का भी संचालन करता है.
स्वास्थ्य विभाग में माॅनिटरिंग की बड़ी कमी है. अभी रांची व हजारीबाग में क्षेत्रीय उप निदेशक (आरडीडी) का पद रिक्त है. विभाग की स्टेट रिव्यू मिशन (एसअारएम) की निरीक्षण रिपोर्ट पर अमल नहीं होता. चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य व तकनीकी कर्मियों की नियुक्ति नहीं हो रही.
डॉ एसएस सिंह, पूर्व सिविल सर्जन
हमलोगों ने दो-तीन माह पहले अलग अलग प्रखंडों में आवेदन देकर कहा है कि बगैर बिजली-पानी के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में एएनएम का रहना मुश्किल है. हमलोग दिन में तो डिलिवरी करा देते हैं. पर रात को बिजली-पानी के अभाव में प्रसव कराने का जोखिम नहीं ले सकते.
एडलिन तिर्की, एएनएम-जीएनएम संघ

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