19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची के लोगों से ठगी कर भागी कोलकाता की कंपनी

कोलकाता की कंपनी अमृत प्रोजेक्ट लिमिटेड ने गढ़ाटोली शांति नगर के पास मेरी कांप्लेक्स में एक ब्रांच खोला था. यहां पर लोगों को इन्वेस्ट करने के बारे में जानकारी दी जाती थी. कंपनी ने कुछ लोगों को लाभांश भी दिया, लेकिन बाद में स्थिति ठीक नहीं होने की बात कह कर कंपनी बंद कर दी […]

कोलकाता की कंपनी अमृत प्रोजेक्ट लिमिटेड ने गढ़ाटोली शांति नगर के पास मेरी कांप्लेक्स में एक ब्रांच खोला था. यहां पर लोगों को इन्वेस्ट करने के बारे में जानकारी दी जाती थी. कंपनी ने कुछ लोगों को लाभांश भी दिया, लेकिन बाद में स्थिति ठीक नहीं होने की बात कह कर कंपनी बंद कर दी गयी.
रांची: कोलकाता की कंपनी अमृत प्रोजेक्ट लिमिटेड रांची के 400 से अधिक लोगों से 1,75, 32, 968 रुपये लेकर भाग गयी है. पुलिस की जांच में रुपये लेकर भागने का आरोप कंपनी के सात अधिकारियों पर सही पाया गया है. जिनमें कंपनी के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर कैलाश चंद्र दुजारी, केके बागची, शशांक राय सरकार, रंजन चौधरी, निशांत प्रकाश, सपन विकास चक्रवर्ती, वरुण देव (सभी डॉयरेक्टर) का नाम शामिल है.

जांच में आरोप सही पाये जाने पर सीनियर पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को केस के अनुसंधानक दारोगा कृष्ण कुमार को सभी को गिरफ्तार करने के लिए कहा है. केस के अनुसंधानक के लिए यह भी आदेश है कि वह आरोपियों को नोटिस देकर उनका भी पक्ष जान कर केस डायरी में अंकित करे.


उल्लेखनीय है कि कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में न्यायालय में शिकायतवाद सुशांत पटनायक ने दर्ज कराया था. न्यायालय के निर्देश पर सदर थाना में चार अगस्त, 2016 को केस दर्ज किया गया था, जिसमें उक्त सात लोगों को आरोपी बनाया गया था. केस के अनुसंधान में पाया गया कि कोलकाता की कंपनी अमृत प्रोजेक्ट लिमिटेड ने गढ़ाटोली शांति नगर के पास मेरी कांप्लेक्स में कंपनी का एक ब्रांच खोला था. ब्रांच मैनेजर हरेराम कुमार थे. उन्होंने लोगों को कंपनी की विभिन्न योजनाओं में रुपये इंवेस्ट करने की जानकारी दी.

ब्रांच मैनेजर ने लोगों को बताया कि कंपनी अमृत स्टील, बायो एनर्जी लिमिटेड और यूनिवर्स पेपर मिल आदि में रुपये निवेश कर मुनाफा कमाती है. मुनाफे का हिस्सा रुपये लगानेवाले को दिया जाता है. कंपनी वर्ष 2009 से लोगों से रुपये निवेश कराती रही. वर्ष 2013 तक कंपनी ने निवेश के आधार पर लोगों को लाभांश भी दिया, लेकिन बाद में कंपनी के अधिकारियों ने निवेशकों को बताया कि कंपनी की स्थिति ठीक नहीं है. इसके बाद निवेशकों को लाभांश देना बंद कर दिया गया. निवेशकों को यह आश्वासन दिया गया कि कंपनी की स्थिति ठीक होने पर निवेशकों को मुनाफा की रकम बढ़ा कर दी जायेगी, लेकिन वर्ष 2015 तक निवेशकों को मुनाफा नहीं दिया गया.

जब निवेशक रुपये वापस लौटाने के लिए कंपनी के अधिकारियों पर दबाव बढ़ाने लगे, तब कंपनी सितंबर, 2015 के आसपास बंद कर दी गयी. धीरे-धीरे कंपनी के अधिकारी ऑफिस छोड़ कर चले गये. निवेशकों ने कंपनी के अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया, लेकिन मुलाकात नहीं हाे सकी. तब निवेशकों को इस बात का एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है. निवेशकों ने अनुसंधान के दौरान कंपनी के बारे में कई अन्य जानकारियां भी पुलिस को दी हैं. मामले में पुलिस की एक टीम केस के अनुसंधानक के नेतृत्व में जल्द ही कोलकाता जा सकती है, ताकि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें