चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने राज्य के सभी प्रखंडों के पांच-पांच फंग्शनल शाैचालयों की वीडियोग्राफी कराते हुए उसके फोटोग्राफ्स के साथ अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने यह भी कहा कि उक्त शाैचालयों में वास बेसिन, रनिंग वाटर सहित अन्य सारी सुविधाअों को भी अनिवार्य रूप से दिखाया जाये. राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
पूर्व में सरकार ने रिपोर्ट के साथ जो फोटोग्राफ्स प्रस्तुत किये थे, उसमें शाैचालयों का दरवाजा बंद दिखाया गया है. एमीकस क्यूरी ने इस पर आपत्ति जतायी थी. शौचालयों के बंद रहने पर खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार को तो रिपोर्ट भेज दी गयी है कि सभी स्कूलों में शाैचालय बन गया है. विभागीय सचिव को प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है.
शाैचालयों में पानी टंकी नहीं है, न ही रनिंग वाटर की सुविधा की जानकारी दी गयी है. सरकार के शाैचालय निर्माण के दावों की जांच करायी जायेगी. आवश्यकता होने पर अधिवक्ताओं की कमेटी का गठन कर शाैचालयों के निर्माण की जांच होगी. जांच का पूरा खर्चा सरकार को उठाना पड़ेगा. जांच में गड़बड़ी पायी गयी, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी. उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर में प्रकाशित स्कूलों में शाैचालय की कमी से सबंधित खबर को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.