रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में क्लर्क से लेकर असिस्टेंट जेलर का पद कई दिनों से खाली पड़ा है. जेल में चार से छह असिस्टेंट जेलर की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में यहां एक भी असिस्टेंट जेलर पदस्थापित नहीं है़ं इसके अलावा जेल में क्लर्क के नौ पद हैं, लेकिन मात्र दो क्लर्क यहां पदस्थापित है़ं क्लर्क का सारा काम सजायाफ्ता कैदी कर रहे है़ं इस जेल में विचाराधीन व सजायाफ्ता कैदियों की संख्या तीन हजार से अधिक है़ं ऐसे में क्लर्क का काम काफी बढ़ जाता है.
क्या है क्लर्कों का काम : जेल में बंद कैदियों के केस, जेल में पेश होने तथा पेशी की उनकी अगली तिथि, कैदियों के संबंधी उनसे कब मिले और अगली बार कब मिल सकते है़ं, जेल में आनेवाली खाद्य सामग्री, दूध, सब्जी, मांस-मछली आदि का सारा हिसाब क्लर्क के जिम्मे होता है़ लेकिन होटवार जेल में इन सब चीजों का सारा हिसाब-किताब कैदी ही कर रहे है़ं ये हर कैदियों की अलग-अलग फाइल बनाते है़ं यहां इन फाइलों को देखने के लिए नौ क्लर्क चाहिए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षित सजायाफ्ता बंदी अपने काम में इतने दक्ष हैं कि वे सरकार द्वारा नियुक्त क्लर्क से अच्छा काम करते हैं.
कक्षपालों की भी कमी : जेल में 33 कक्षपालों की आवश्यकता है़ उनके नहीं रहने पर सैप के जवानों से कक्षपाल का काम लिया जाता है. हालांकि झारखंड सरकार द्वारा जेल में सैप के 75 जवानों को नियुक्त किया गया है़ इनमें अधिकतर की तैनाती सुरक्षा के लिए की गयी है.