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स्कूल से मिलेगा जाति व आवास सर्टिफिकेट
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विभागीय अधिकारियों को स्कूलों में कैंप लगा कर जाति व आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का निर्देश दिया है. सरकार जाति व आवासीय प्रमाण बनाने की प्रक्रिया आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों से शुरू करेगी. सरकार की ओर से लगाये जानेवाले इस कैंप में विद्यार्थियों को फॉर्म के साथ-साथ जरूरी दस्तावेज संलग्न […]
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विभागीय अधिकारियों को स्कूलों में कैंप लगा कर जाति व आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का निर्देश दिया है. सरकार जाति व आवासीय प्रमाण बनाने की प्रक्रिया आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों से शुरू करेगी. सरकार की ओर से लगाये जानेवाले इस कैंप में विद्यार्थियों को फॉर्म के साथ-साथ जरूरी दस्तावेज संलग्न कर जमा करना होगा. ग्रामीण इलाकों में विद्यार्थियों की ओर से जमा कराये गये फॉर्म को पंचायत सचिवालय भेजा जायेगा. मुखिया व अन्य सक्षम पदाधिकारियों के अनुमोदन के बाद इसे प्रज्ञा केंद्र भेजा जायेगा. प्रमाण पत्र बनने के बाद इसे संबंधित स्कूल में भेजा जायेगा. जहां से बच्चे अपना जाति व आवासीय प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं.
विद्यार्थियों का डिजिटल लॉकर भी तैयार होगा
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों का डिजिटल लॉकर भी बनाने की योजना है. इसमें बच्चों के शैक्षणिक, जाति, आवासीय प्रमाण पत्र को सॉफ्ट कॉपी रखी जायेगी. अगर किसी विद्यार्थी का प्रमाण पत्र खो जाता है, तो संबंधित विद्यार्थी आसानी से अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है.
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की पहल
सरकारी अधिकारियों का मानना है कि स्कूलों में जाति व आवासीय प्रमाण पत्र बनने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है. कई बार जाति व आवासीय प्रमाण पत्र बनाने को लेकर बच्चों से फीस के अलावा दो से तीन सौ रुपये अवैध रूप से वसूलने की शिकायत मिलती है. यही नहीं आवेदकों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अनावश्यक रूप से अंचल कार्यालयों व प्रज्ञा केंद्र का चक्कर लगाना पड़ता है.
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