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चौपट व्यवस्था: नगर निगम व बिजली वितरण निगम की कार्यशैली से लोग परेशान
शहर के लोग इन दिनों नगर निगम व बिजली वितरण निगम की कार्यशैली से परेशान हैं. एक ओर नगर िनगम की ओर से जहां लोगों को एक साथ आठ साल के पानी का बिल भेजा जा रहा है, वहीं बिजली वितरण निगम की वेबसाइट समय पर अपडेट नहीं होने से लोगों को अधिक भुगतान करना […]
शहर के लोग इन दिनों नगर निगम व बिजली वितरण निगम की कार्यशैली से परेशान हैं. एक ओर नगर िनगम की ओर से जहां लोगों को एक साथ आठ साल के पानी का बिल भेजा जा रहा है, वहीं बिजली वितरण निगम की वेबसाइट समय पर अपडेट नहीं होने से लोगों को अधिक भुगतान करना पड़ रहा है़ बिल जमा करने के अंतिम दिन उपभोक्ताओं को बिल की कॉपी मिल रही है़ इससे बिल नहीं जमा होने पर फाइन भी भरना पड़ता है़ परेशानी हाे रही है, वह अलग से
एक साथ भेज रहे आठ साल के पानी का बिल
रांची नगर निगम की कार्यशैली से शहर के लोग परेशान हैं. कभी नल से सप्लाई का पानी नहीं आता है, तो कभी समय पर पानी का बिल नहीं भेजा जाता है. इस बार नगर निगम की ओर से शहरवासियों को एक साथ आठ साल का पानी का बिल भेजा जा रहा है. किसी भवन मालिक काे 18 हजार, तो किसी को 48 हजार रुपये तक का बिल भेजा गया है. निगम के इस नोटिस से लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि एक साथ आठ साल का बिल भेजा जाना कहां तक उचित है.
क्या है नोटिस में : निगम द्वारा भेजे जा रहे पानी के बिल में अधिकतर भवन मालिकों से यह कहा जा रहा है कि आपने वर्ष 2006 में वाटर कनेक्शन लिया था, लेकिन अभी तक बिल का भुगतान नहीं किया है. इसलिए आप अविलंब पानी का बिल जमा करें. अन्यथा बकाये बिल पर अतिरक्ति ब्याज चुकाना पड़ेगा. अधिकतर बकायेदारों को वर्ष 2014 तक का बिल भेजा जा रहा है.
पहले जमा नहीं लेते थे बिल : लोगों का कहना है कि पहले हमलोग जब बिल जमा करने जाते थे, तो वाटर बोर्ड में बिल जमा नहीं लिया जाता था. निगम के कर्मचारी कहते थे कि ऐसे कैसे पानी का बिल जमा हो जायेगा. पहले आपके घर के मीटर की रीडिंग ली जायेगी, फिर पानी का बिल जमा लिया जायेगा.
शिकायतों का अंबार लगा : इधर, निगम में 1200 (दो-तीन माह में) से अधिक लोगों ने आवेदन दिया है. लोगों का कहना है कि उनके घरों में कनेक्शन लेने के बाद कुछ दिनों तक पानी आया, फिर पानी आना बंद हो गया. ऐसे में हमलोगों से पानी का बिल नहीं लिया जाना चाहिए.
केस : एक
कोकर निवासी समीर अग्रवाल को नगर निगम ने 18 हजार का बिल भेजा है. समीर ने बताया कि मेरे घर में पानी का कनेक्शन कभी था ही नहीं. फिर भी निगम ने 18 हजार का बिल भेज दिया है. समीर की शिकायत पर निगम के अधिकारी ने बताया कि इसकी जांच की जायेगी. घर में कनेक्शन नहीं पाये जाने पर बिल माफ किया जायेगा. अन्यथा बिल देना पड़ेगा.
केस : दो
थड़पखना निवासी सौमेन मुखर्जी ने नगर निगम में शिकायत की है कि उन्होंने 2006 में वाटर कनेक्शन लेने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक कनेक्शन नहीं मिला. एक सप्ताह पहले 22 हजार का बिल भेज दिया गया है. इस बारे में पूछने पर निगम के अधिकारी ने बताया कि आपके यहां उसी साल वाटर कनेक्शन की मंजूरी दे दी गयी थी. इसलिए आपको पैसे देने ही पड़ेंगे.
पूर्व में कर्मचारियों की कमी के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. अब इसमें सुधार किया जा रहा है. निजी एजेंसी को टैक्स वसूलने का काम सौंप दिया गया है. अब एजेंसी हर तीन माह में पानी का बिल वसूलेगी. अगर किसी को एकमुश्त पानी का बिल जमा करने में परेशानी हो रही है, तो वह तीन किस्त बिल जमा कर सकता है.
नरेश कुमार सिन्हा, पीआरओ, रांची नगर निगम
लास्ट डेट पर उपभोक्ताओं को मिल रहा बिजली का बिल
रांची: बिजली बिल का ऑनलाइन भुगतान करने में उपभोक्ताओं को परेशानी हाे रही है. यहां बिल अपडेट नहीं रहता. भुगतान के बाद भी बकाया दिखता है. यह नहीं, कई इलाकाें में बिल जमा करने के अंतिम दिन उपभोक्ताओं को बिल की कॉपी मिल रही है़ इस वजह से समय पर बिल जमा नहीं हाे पा रहा. जुर्माना भी देना पड़ रहा है.
भुगतान केंद्र पर लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं बिल जमा करने में दिन भर का समय लग जाता है़
इधर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की वेबसाइट समय पर अपडेट नहीं की जा रही है. दो-तीन महीनों तक उपभोक्ताओं का ऑनलाइन बिल अपडेट नहीं होता. ऐसे में वेबसाइट पर बिजली बिल की गलत जानकारी मिलती है. ऑनलाइन बिल जमा करनेवालों को भुगतान किये गये बिल की राशि नये बिल में जोड़ कर बतायी जाता है. बढ़े हुए बिल का ऑनलाइन भुगतान करने के बाद उपभोक्ताओं को राशि वापस लेेने की जटिल प्रक्रिया से जूझना पड़ता है.
मोबाइल एप भी नहीं होता अपडेट : उपभोक्ताओं को बिजली बिल का भुगतान करने में सुविधा हो, इसके लिए झारखंड बिजली वितरण निगम ने एक मोबाइल एप बनाया है.
इजी बिजली के नाम से बनाये गये एप के माध्यम से निगम ने चुटकियों में बिजली बिल भुगतान का दावा किया था. निगम ने शहरी क्षेत्रों में एप पर उपभोक्ताओं का एकाउंट 48 घंटे के अंदर और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 दिन के अंदर अपडेट करने की बात कही थी. परंतु, एकाउंट दो से तीन माह तक अपडेट नहीं हो रहा है. इस वजह से एप के जरिये भी उपभोक्ता बिल का भुगतान नहीं कर पाते हैं.
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