रांची: हाइकोर्ट में शुक्रवार को बीपीएल परिवारों को अनुदानित दर पर चीनी मुहैया कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने उपभोक्ता, आपूर्ति मामलों के मंत्रालय के सचिव को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया. साथ ही शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा. खंडपीठ ने बिहार या उत्तर क्षेत्र के राज्यों से चीनी उठाव की व्यवस्था करने संबंधी सुझाव देते हुए तीन सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल कर अनुदानित दर पर चीनी देने के मामले में हाथ खड़े कर दिये. खंडपीठ को बताया गया कि सरकार को चीनी उठाव दूरस्थ स्थित महाराष्ट्र जैसे राज्यों से करना पड़ेगा. परिवहन पर अधिक राशि खर्च करनी होगी. केंद्र सरकार से कोई सब्सिडी भी नहीं मिलती है.
नजदीकी राज्यों में भी चीनी उपलब्ध है, लेकिन वहां से उठाव करने की अनुमति नहीं है. वैसी परिस्थिति में बीपीएल परिवारों को अनुदानित दर पर चीनी देना संभव नहीं हो पा रहा है.इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता महेश कुमार सिन्हा ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राम निवास प्रसाद ने जनहित याचिका दायर कर गरीब परिवारों को अनुदानित चीनी उपलब्ध कराने के लिए सरकार को उचित आदेश देने का आग्रह किया है.