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परीक्षक ने नहीं जोड़े 13 अंक, स्क्रूटनी के बाद टॉपर बना विकास
रांची : मैट्रिक की परीक्षा में राज्य में नौंवा स्थान लानेवाला एसएस हाइस्कूल चिलदाग का छात्र विकास चौधरी अब स्टेट टॉपर बन गया है. विकास की उत्तर पुस्तिका की स्क्रूटनी में उसे 13 अंक और मिल गये. अंकों के योग में हुई गड़बड़ी के कारण जैक की ओर से मई में जारी रिजल्ट में विकास […]
रांची : मैट्रिक की परीक्षा में राज्य में नौंवा स्थान लानेवाला एसएस हाइस्कूल चिलदाग का छात्र विकास चौधरी अब स्टेट टॉपर बन गया है. विकास की उत्तर पुस्तिका की स्क्रूटनी में उसे 13 अंक और मिल गये. अंकों के योग में हुई गड़बड़ी के कारण जैक की ओर से मई में जारी रिजल्ट में विकास को 468 अंक मिले थे. ऐसा परीक्षक की लापरवाही के कारण हुआ था. पर अब स्क्रूटनी के बाद उसके अंक बढ़ कर 481 हो गये.
हिंदी में 93 के जगह दिये थे 80 अंक : मई में जारी रिजल्ट में विकास को हिंदी में 80 अंक दिये गये थे. स्क्रूटनी के दौरान पाया गया कि विकास को एक सवाल के सही जवाब के लिए हिंदी में 13 अंक मिले थे, पर इसे उत्तर पुस्तिका के मुख्य पृष्ठ पर अंकित नहीं किया गया था. स्क्रूटनी के दौरान 13 अंक को जोड़ दिया गया. इससे हिंदी में उसके कुल 93 अंक हो गये. कुल प्राप्तांक में भी 13 अंक जोड़ दिये गये. इससे विकास का कुल प्राप्तांक 481 हो गया. इससे वह स्टेट टॉपर बन गया.
कैसे पकड़ में आया मामला
जैक प्रति वर्ष टॉप 20 विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका की स्क्रूटनी कराता है. इसके लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की टीम हाेती है. स्क्रूटनी के दौरान ही मामला पकड़ में आया.
शिक्षक पर होगी कार्रवाई
हिंदी के अंक के योग में गड़बड़ी करनेवाले शिक्षक पर जैक कार्रवाई करेगा. उन्हें नोटिस जारी किया जायेगा. तीन साल तक मूल्यांकन कार्य से बाहर रखा जायेगा. जैक उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी कर सकता है.
कड़ी कार्रवाई होगी
जांची गयी काॅपी देखी. स्क्रूटनी करायी. इसके बाद टॉपरों का लिस्ट जारी किया. गड़बड़ी करनेवाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की अनुमति किसी को नहीं दी जायेगी. विकास के हिंदी के अंक के योग में गड़बड़ी हुई थी. इस कारण उसे पहले कम अंक मिला था.
डॉ अरविंद प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, जैक
कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है विकास
विकास संत जेवियर कॉलेज से इंटर साइंस की पढ़ाई कर रहा है. उसने बताया कि वह आइआइटी कर कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है. उसने बताया कि कई साल पूर्व उसके पिता गंभीर रूप से बीमार पड़ गये थे. कर्ज लेकर उन्होंने मस्तिष्क का ऑपरेशन कराया. लेकिन उन्होंने बच्चों को पढ़ने के लिए हमेशा उत्साहित किया. मां व बहन ने भी हमेशा उत्साह बढ़ाया.
पिता किसान, मां बनाती है मिड डे मील
विकास एसएस हाइस्कूल चिलदाग से स्वतंत्र परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा में शामिल हुआ था. वह अनगड़ा प्रखंड के पेरतौल गांव का रहनेवाला है. पिता लक्ष्मी नारायण चौधरी किसान हैं. माता मंजु देवी मध्य विद्यालय चिलदाग में मध्याह्न भोजन बनाती हैं. विकास को गणित में 100, अंगरेजी में 99, सामाजिक अध्ययन में 95 , विज्ञान में 94 व हिंदी में 93 अंक मिले हैं.
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