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उच्च शिक्षा की नामांकन दर राष्ट्रीय अौसत से कम

रांची: झारखंड में उच्च शिक्षा की नामांकन दर (ग्रास एनरोलमेंट रेशियो या जीइआर) सिर्फ 8.1 फीसदी है. यानी राज्य में सौ में से सिर्फ 8.1 फीसदी युवा ही उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज या विवि तक पहुंच पाते हैं. यह जीइआर के राष्ट्रीय अौसत 19.4 फीसदी से भी कम है. सरकार उच्च शिक्षा की इस […]

रांची: झारखंड में उच्च शिक्षा की नामांकन दर (ग्रास एनरोलमेंट रेशियो या जीइआर) सिर्फ 8.1 फीसदी है. यानी राज्य में सौ में से सिर्फ 8.1 फीसदी युवा ही उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज या विवि तक पहुंच पाते हैं.

यह जीइआर के राष्ट्रीय अौसत 19.4 फीसदी से भी कम है. सरकार उच्च शिक्षा की इस दुर्दशा पर चिंतित तो लगती है, पर इसके लिए त्वरित उपाय नहीं किये जा रहे. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने यह लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2022 तक नामांकन दर कम-से-कम 32 फीसदी तक बढ़ायी जाये. इसके लिए कॉलेजों की संख्या बढ़ाने से लेकर मौजूदा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी कई योजनाएं व कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया है. पर अमल में भारी विलंब हो रहा है.

लंबित योजनाअों में 11 जिलों में महिला मॉडल कॉलेज बनाना तथा विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों की प्रयोगशाला व पुस्तकालय का विकास कार्य सहित अन्य शामिल हैं. राज्य के 11 पिछड़े जिलों में महिला साक्षरता की दर बढ़ाने के लिए मॉडल कॉलेज बनने हैं. महिला मॉडल कॉलेज की योजना तो करीब चार साल पुरानी है, जिस पर अब तक कार्य शुरू नहीं हो सका है. उसी तरह कॉलेजों के कैंपस डेवलपमेंट, लाइब्रेरी का आधुनिकीकरण, लैब अपग्रेडेशन जैसे कई काम अपवाद छोड़ किसी कॉलेज में पूरा तो दूर तीन वर्ष बाद अभी शुरू भी नहीं हुआ है. शिक्षकों की कमी भी एक बड़ी समस्या है. अब राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत सुधारी जायेगी. केंद्र सरकार ने रूसा के तहत झारखंड के लिए 206 करोड़ रुपये का अनुमोदन दिया है.
आंकड़ों में झारखंड की उच्च शिक्षा
प्रति लाख आबादी के लिए कॉलेज : अाठ (राष्ट्रीय अौसत : 27)
प्रति कॉलेज अौसत नामांकन (18-23 वर्ष) : 2027 छात्र (राष्ट्रीय अौसत : 764)
इंटर कला में पास होनेवाले : 64 फीसदी (राष्ट्रीय अौसत : 38 फीसदी)
इंटर कॉमर्स में पास होनेवाले : 18 फीसदी (राष्ट्रीय अौसत : 21 फीसदी)
इंटर साइंस में पास होनेवाले : 18 फीसदी (राष्ट्रीय अौसत : 37 फीसदी)
(नामांकन संबंधी अांकड़े 2013-14 के तथा उत्तीर्ण संबंधी 2010 के)
उच्च शिक्षा की पहल
कुल 11 जिलों में महिला मॉडल कॉलेज का निर्माण (सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, कोडरमा, चतरा, रामगढ़, पाकुड़, साहेबगंज, लातेहार तथा सरायकेला-खरसावां)
कुल 12 बीएड कॉलेज बनेंगे (गढ़वा, कोडरमा, चतरा, साहेबगंज, पाकुड़, पलामू, सरायकेला, गुमला, गिरिडीह, देवघर, गोड्डा व दुमका)
कॉलेजों में दो शिफ्टों में पढ़ाई की व्यवस्था
विभिन्न कॉलेजों में राज्य सेवा, बैंकिंग, कर्मचारी चयन आयोग व अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग, विभिन्न विवि में बनेंगे प्लेसमेंट सेल. स्टार्ट-अप को भी मिलेगा सपोर्ट
अब तक जो नहीं हुआ
कुल 11 जिलों में महिला मॉडल कॉलेज का निर्माण
विभिन्न कॉलेजों में गरीब छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थान खोला जाना, कॉलेजों के संरचना विकास व रखरखाव, कैंपस डेवलपमेंट, दूरस्थ शिक्षा, एडवांस साइंस एंड टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी का आधुनिकीकरण तथा प्रयोगशाला के अपग्रेडेशन का काम.
(उपरोक्त योजनाअों के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान स्वीकृत कुल 769.71 करोड़ रुपये अब तक अनुपयोगी हैं)

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