रांची: राजधानी रांची में पिछले पांच वर्षों में जलस्तर में 11 मीटर तक गिरावट दर्ज की गयी है. राजधानी में भू-जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है. निदेशालय के अनुसार जून 2012 में हिनू का जलस्तर सबसे अधिक गिरा है. गरमी के दिनों में पानी की मांग भी 20 फीसदी से अधिक बढ़ जाती है. वर्ष 2008 की तुलना में वर्ष 2012 में भू-जल के दोहन में काफी बढ़ोतरी हुई है.
शहरी क्षेत्र में सतही जल का 122.44 प्रतिशत दोहन हो रहा है. भूगर्भ निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार सतही जल के अत्यधिक उपयोग से जलस्तर भी 10 मीटर से अधिक गिरा है. जानकारी के अनुसार जून 2012 में रांची के विभिन्न इलाकों में 14 मीटर तक जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी है. शहर के विभिन्न इलाकों को निदेशालय की ओर से 11 मुख्य ब्लॉक में बांटा गया है.
दो लाख में से 27 हजार ही वैध कनेक्शन : राजधानी में दो लाख से अधिक पक्के मकान हैं. नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार इनमें से सिर्फ 28 हजार घरों में ही वैध पानी का कनेक्शन है. यहां यह उल्लेखनीय है कि रांची नगर निगम की ओर से अब वैसे ही नक्शे पास किये जा रहे हैं, जिनमें वाटर रीचार्जिंग की सुविधा संलग्न हो. पर इस दिशा में कितनी सार्थक पहल की जा रही है, यह किसी को नहीं मालूम है. अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में दो हजार से अधिक वाटर रीचार्जिंग पीट होना चाहिए. भूगर्भ जल निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार 200 से कुछ अधिक भवनों में ही रीचार्जिंग पिट बनाये गये हैं.