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करोड़ों का भवन, मेंटेनेंस के नाम पर एक हजार की कटौती, पर खर्च शून्य

रांची:राजधानी में तैनात पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ रह सकें. पुलिस कर्मियों को रेंट पर घर मिल सके. इसके लिए सरकार ने पुराने पुलिस लाइन परिसर में करोड़ों रुपये खर्च कर बहुमंजिली इमारत का निर्माण कराया है. भवन को दारोगा और सिपाही के बीच आवंटित भी कर दिया गया है. अपार्टमेंट में रहने के लिए […]

रांची:राजधानी में तैनात पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ रह सकें. पुलिस कर्मियों को रेंट पर घर मिल सके. इसके लिए सरकार ने पुराने पुलिस लाइन परिसर में करोड़ों रुपये खर्च कर बहुमंजिली इमारत का निर्माण कराया है. भवन को दारोगा और सिपाही के बीच आवंटित भी कर दिया गया है.

अपार्टमेंट में रहने के लिए नियम है कि किराया के अलावा प्रति माह मेंटेनेंस खर्च और बिजली बिल की कटौती पुलिस कर्मियों के एकाउंट से होगी. अपार्टमेंट में रहनेवाले कुछ पुलिस कर्मियों के अनुसार उनके एकाउंट से प्रति माह एक हजार रुपये मेंटनेंस के नाम पर कटौती हो रही है, लेकिन इस रकम से एक रुपया भी खर्च नहीं किया जाता है. इस वजह से अपार्टमेंट में रहनेवाले पुलिसकर्मियों को कोई सुविधा नहीं मिलती, जिसके कारण पुलिस कर्मियों को परेशानी हो रही है.

अपार्टमेंट में रहनेवाले कुछ पुलिसकर्मियों ने बताया कि उनके वेतन से जहां एक ओर मेंटनेंस के नाम पर रुपये की कटौती हो रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें अलग से चंदा इकट्ठा कर मेंटेनेंस करवाना पड़ रहा है. अपार्टमेंट में रहनेवाले पुलिसकर्मी कनीय अफसर से लेकर सिपाही तक हैं. इसलिए वे मामले की शिकायत तक अपने वरीय पुलिस अधिकारी के पास नहीं कर पा रहे हैं.

फ्लैट में रहनेवाले पुलिसकर्मियों के अनुसार एक-एक अपार्टमेंट में करीब 20 फ्लैट हैं. अपार्टमेंट में रहने के लिए नियम है कि पुलिसकर्मी पहले 10 हजार लेखा शाखा में जमा करायेंगे. इसके बाद ही उन्हें अपार्टमेंट रहने के लिए आवंटित किया जायेगा. वेतन से मेंटेनेंस खर्च की कटौती पिछले दो माह से हो रही है.

मेंटेनेंस कर्मी नहीं होने के कारण फ्लैट में न लिफ्ट चलता है और न सफाई का काम होता है. अपार्टमेंट में जेनरेटर है, लेकिन वह नहीं चलता है. सफाई नहीं होने के कारण गंदा पानी बोरिंग में चला जाता है, जिसके कारण बाेरिंग का पानी गंदा हो गया. अपार्टमेंट में रहनेवाले पुलिसकर्मी का यह भी कहना है कि कब तक वेतन से मेंटेनेंस के नाम पर रुपये कटवाते रहेंगे और अलग से भी चंदा एकत्र कर अपार्टमेंट का मेंटेनेंस कार्य करवाते रहेंगे. इस कारण कनीय पुलिस कर्मियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है.

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